शिविल अस्पताल मऊगंज - ब्लड कैंसर से पीड़ित डॉक्टर 15 वर्षों से दे रहे सेवाएं,

धरती के भगवान ने भगवान के भरोसे पर जारी रखा अपना काम,.. ब्लड कैंसर से पीड़ित डॉक्टर 15 वर्षों से शिविल अस्पताल मऊगंज में दे रहे सेवाएं,… ब्लड कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी 15 वर्षों से दे रहे सेवाएं रीवा के शिविल अस्पताल मऊगंज में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामानुज शर्मा जो […]

शिविल अस्पताल मऊगंज
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धरती के भगवान ने भगवान के भरोसे पर जारी रखा अपना काम,.. ब्लड कैंसर से पीड़ित डॉक्टर 15 वर्षों से शिविल अस्पताल मऊगंज में दे रहे सेवाएं,…

शिविल अस्पताल मऊगंज
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ब्लड कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी 15 वर्षों से दे रहे सेवाएं

रीवा के शिविल अस्पताल मऊगंज में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामानुज शर्मा जो तकरीबन 15 वर्षों से बीमारी के हालात में समाज के लिए सेवाएं दे रहे हैं वह इसलिए शिविल अस्पताल मऊगंज में स्त्री रोग विशेषज्ञ के लिए किसी भी डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई है जिसकी वजह से अपने रोग को भूलकर डॉक्टर रामानुज शर्मा स्वयं डटकर सामना करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं,.. इस दौरान 40 वर्षों के कार्यकाल में जनता का अपार प्यार भी मिला,… और अंततः समस्याओं का सामना करते हुए अब आज डॉक्टर रामानुज शर्मा के सेवाओं की समाप्ति हुई जिस पर नम आंखों से उनके सहकर्मियों ने उनकी विदाई की,…

2003 से ब्लड कैंसर की बीमारी से है पीड़ित

कोरोना के इस संकट काल में योद्धा की भूमिका में तैनात डॉक्टर्स के लिए आज का दिन डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जा रहा है,क्योंकि अगर आप किसी से पूछेंगे कि क्या उन्होंने भगवान को देखा है तो जवाब आएगा कि धरती का भगवान डॉक्टर ही है ऐसे में भगवान के रूप में रीवा जिले के शिविल अस्पताल मऊगंज में कार्य कर रहे हैं डॉ रामानुज शर्मा,.. डॉक्टर रामानुज शर्मा वर्ष 1981 में पहली बार मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किए गए जिसके बाद वह 6 महीने की सेवाएं देने के उपरांत पीजी की पढ़ाई के लिए चले गए तथा बाद में पढ़ाई उपरांत उन्हें पुनः मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के रूप में भेजा गया तब से तकरीबन 40 वर्ष बीत गए तथा डॉक्टर के रूप में उन्होंने मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही अपनी सेवाएं दी,… वर्ष 2003 में डॉ रामानुज शर्मा को ब्लड कैंसर की बीमारी हो गई जिसके बाद मुंबई से लेकर देश के अलग-अलग कोनों में उनका इलाज कराया गया तथा वह फिर से बीमारी को मात देकर अपनी नौकरी के लिए तैयार हो गए,… बीमारी की हालत में ही वर्ष 2004 के बाद से डॉ रामानुज शर्मा ने मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी सेवाएं प्रारंभ रखी इसके बाद वर्ष 2009 में वह फिर बीमार पड़ गए मगर फिर भी उन्होंने अपने जोश को ठंडा नहीं होने दिया तथा फिर समाज की सेवा के लिए तैयार हो गए तथा 40 वर्षों से लगातार मऊगंज के लोगों के इलाज के लिए हर परिस्थिति में खुद खड़े रहे,…




स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामानुज शर्मा

1981 डॉक्टर रामानुज शर्मा की मऊगंज में हुई थी पदस्थापना

दरअसल वर्ष 1981 में जब पहली बार डॉक्टर रामानुज शर्मा की मऊगंज में पदस्थापना की गई तब स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर यहां पर कोई दूसरा डॉक्टर नहीं था और यही वजह है कि उन्हें इस स्थान के लिए चुना गया जिसके बाद उन्होंने लगातार अपनी सेवा ही जारी रखें बीमारी के बावजूद जब शासन और प्रशासन को मऊगंज क्षेत्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर नए डॉक्टर नहीं मिल सके तो रामानुज शर्मा ने कहा कि वह बीमारी के बावजूद लोगों की सेवा करते रहेंगे इस दौरान उनके सहकर्मियों का भी खासा समर्थन मिला तथा बीमारी के बावजूद जोश जज्बा जुनून से कार्य करते हुए डॉक्टर रामानुज शर्मा ने अपने 40 वर्षों के कार्यकाल को पूरा किया,.. आज हम सब डॉक्टर्स डे सेलिब्रेट कर रहे हैं इस स्थिति में मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर रामानुज शर्मा की सेवा समाप्ति हुई है तब उनके सहकर्मियों ने सेवा मुक्ति पर भाव विभोर हो उनकी विदाई की,…

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