the edge of darkness review : Ajay Devgn ने OTT की दुनिया में रखा कदम
मुंबई पुलिस की स्पेशल क्राइम यूनिट में डीसीपी रुद्र प्रताप सिंह बने अजय देवगन (Ajay Devgn) जब रुद्रः द ऐज ऑफ डार्कनेस (Rudra The Age Of Darkness) के पहले एपिसोड में अपनी सीनियर (अश्विनी कलसेकर) से कहते हैं, ‘पूरा सिस्टम जुमलों पर चल रहा है’ तो डर लगता है कि यह बात सीरीज पर भी […]

मुंबई पुलिस की स्पेशल क्राइम यूनिट में डीसीपी रुद्र प्रताप सिंह बने अजय देवगन (Ajay Devgn) जब रुद्रः द ऐज ऑफ डार्कनेस (Rudra The Age Of Darkness) के पहले एपिसोड में अपनी सीनियर (अश्विनी कलसेकर) से कहते हैं, ‘पूरा सिस्टम जुमलों पर चल रहा है’ तो डर लगता है कि यह बात सीरीज पर भी लागू हो जाए. धीरे-धीरे यह डर सही साबित होने लगता है. चालू फार्मूलों और जुमलों से गढ़े किरदार सामने आने लगते हैं. सबसे पहले तो रुद्र के छह मिनट के इंट्रोडक्शन में ही आप समझ जाते हैं कि यह काबिल अफसर सिस्टम में अनफिट है. वह सस्पेंड होता है. उसके खिलाफ जांच बैठती है. फिर ऐसा केस आता है कि डिपार्टमेंट में उसके अलावा सुलझाने वाला नहीं मिलता. तब उसकी वापसी होती है. अपराध देखते ही वह सारा माजरा समझ जाता है. अब सिर्फ अपराधी के खिलाफ सबूत जुटाना बाकी है. यह सब आप तमाम क्राइम सीरीजों में इतना देख चुके हैं कि उबासी के लिए एक ब्रेक ले सकते हैं.
रुद्र के किरदार में एक और बात जो जुमले जैसी लगती, वह है उसकी तबाह पारिवारिक जिंदगी. बीते दो-ढाई साल में हर पुलिसिया वेब सीरीज में कमोबेश आपने यही देखा है. तड़का मारने के लिए राइटर-डायरेक्टर दिखाते हैं कि काम के प्रति ईमानदार हीरो की बीवी का किसी और से अफेयर चल रहा है. रुद्र में राइटर-डायरेक्टर एक कदम आगे बढ़े हैं. यहां रुद्र की पत्नी (एशा देओल), उसे छोड़े या तलाक दिए बगैर गैर-मर्द के साथ लिव-इन में है. तो यह नई सोच है. ब्रिटिश सीरीज लूथर से प्रेरित डिज्नी-हॉटस्टार की छह कड़ियों वाली यह सीरीज कमजोर ढंग से शुरू होती है. माता-पिता और पालतू कुत्ते की हत्या करने वाली आलिया (राशि खन्ना) का अपराध जानते-समझते हुए भी रुद्र साबित नहीं कर पाता, लेकिन आने वाले एपिसोड में नए-नए अपराधी नमूदार होते हैं और रुद्र के लिए नई-नई चुनौतियां पेश करते हैं. अपराधियों के रुद्र से लिए ये पंगे ही सीरीज को थोड़ा देखने लायक बनाते हैं.
इसमें संदेह नहीं कि रुद्रः द ऐज ऑफ डार्कनेस का लेफ्ट-राइट-सेंटर अजय देवगन हैं. इसके बावजूद अजय का महत्व बढ़ाने के लिए यहां अपराधियों किरदार ऐसे गढ़े गए हैं, जो खास तौर पर पुलिस को चुनौतियां देते हैं. अब यहां पुलिस डिपार्टमेंट में अजय से आगे तो कोई है नहीं. इसलिए वह हर एपिसोड में बार-बार हीरो या सुपर हीरो की तरह निकल कर आते हैं. अपनी अंगुलियों में पैन को घुमाते हुए मामलों को चुटकी बजाते अपने दिमाग में हल कर लेता है.
कुल मिला कर Rudra The Age Of Darkness ऐसी वेब सीरीज है, जो अजय के फैन्स के लिए है और इसमें उन्हें मजा आएगा. लेकिन अगर आप सीरीज की बनावट-बुनावट-कहानी और किरदारों पर जाएंगे तो थ्रिल कम हो जाएगा. मतलब यह कि दिमाग मत लगाइए. यहां हीरो होने के बावजूद अजय के जीवन की तस्वीर उबाऊ, नीरस और घिसी हुई रील जैसी है. अजय ओटीटी के हिसाब से कुछ अलग करते नहीं दिखते। वही अपनी फिल्मी इमेज के साथ अवतरित होते हैं. ऐसे में साफ है कि ओटीटी पर उनका इरादा नए मैदान में नया करिश्मा दिखाने से ज्यादा करियर की लाइफ-लाइन को लंबा खींचना है.
अजय के सामने अतुल कुलकर्णी, आशुतोष राणा और सत्यदीप मिश्रा जैसे ऐक्टर क्यों दोयम दर्जे के दिखाए गए हैं, समझना मुश्किल नहीं है. दूसरी तरफ संवाद अदायगी में मां हेमा मालिनी की याद दिलाने वाली ईशा देओल ने कमबैक करने के लिए क्यों यह वेब सीरीज चुनी, यह रहस्य वही खोल सकती हैं. एक राशि खन्ना को छोड़ दें तो बाकी एपिसोड्स में अलग-अलग ऐक्टर अपराध करके अजय को चैलेंज देने के लिए आते-जाते रहते हैं. राशि का किरदार जरूर थोड़ा असर छोड़ता है लेकिन एक समय के बाद वह कहानी के थ्रिल में कुछ नया जोड़ना बंद कर देती हैं.
The Edge of Darkness सीरीज को काफी पैसा खर्च करके शूट किया गया है. इसमें भव्यता है। कैमरा वर्क अच्छा है. मगर कमजोर राइटिंग, निर्देशन की ढील और एडिटिंग में कसावट का अभाव इसका असर कम करता है. सीरीज में काफी खून-खराबा दिखाया गया है. एक कहानी तो ऐसे पेंटर की है, जो महिलाओं का अपहरण करके उनका खून पीता है, उनके खून से कैनवास पर तस्वीर बनाता है. इस तरह इसमें अजय के शौर्य से पैदा होने वाले वीर रस के साथ वीभत्स रस भी मौजूद है. रहस्य-रोमांच इक्का-दुक्का कहानियों में कम-ज्यादा है और सीरीज में मनोरंजन का ग्राफ एक समान नहीं है. वह तेजी से ऊपर-नीचे होता है.
जिस डार्कनेस की बात रुद्र की टैग लाइन में गई है, वह खास तौर पर आखिरी के दो एपिसोड में उभर कर आती है. उन्हीं गहरे-अंधेरों में जाकर रुद्र अपराधी को पकड़ता है लेकिन फिल्मी अंदाज में कहानी ट्विस्ट लेकर, खुद उसे भी हैरान कर देती है. परंतु हैरान करने वाले दृश्यों को इतना लंबा खींचा गया है कि दर्शक की हैरानी खत्म हो जाती है. अगर आप अजय देवगन के फैन नहीं हैं और उनकी हर अदा पर आपको प्यार नहीं आता है तो आप पूरे विश्वास के साथ रुद्र पर हंड्रेड परसेंट एंटरटेनमेंट का भरोसा नहीं कर सकते.
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