मै मऊगंज हू,मुझे गैरो ने नही- अपनो ने लूटा,
"मै मऊगंज हू" मुझे गैरो ने नहीं- अपनो ने लूटा,लुटेरो ने मदारी की तरह डमरु बजा बजाकर- बहुरूपियो की तरह चेहरा बदल बदलकर-जहा जिसे जब मोका मिला सबने खूब लूटा और अभी भी शफेद पोश धारियो के हाथो लुटता जा रहा हू!पर कहू किससे क्योकि इसके जिम्मेदार मै भी हू, क्योंकि समय पर असली नकली […]

"मै मऊगंज हू" मुझे गैरो ने नहीं- अपनो ने लूटा,लुटेरो ने मदारी की तरह डमरु बजा बजाकर- बहुरूपियो की तरह चेहरा बदल बदलकर-जहा जिसे जब मोका मिला सबने खूब लूटा और अभी भी शफेद पोश धारियो के हाथो लुटता जा रहा हू!पर कहू किससे क्योकि इसके जिम्मेदार मै भी हू, क्योंकि समय पर असली नकली चेहरा पहचानने में मैंने ही तो भूल किया है !
मुझे जो मिला वह पूर्व विधायक जगदीश प्रसाद मसूरिहा सहित पंडित रामधनी मिश्रा की देन है,जिनका हम ऋणी है और आगे भी रहूगा,.. क्योंकि पूर्व विधायक जगदीश मशुरिहा की बजह से हमारे अन्नदाता खुशहाल हैं, एक दर्जन के लगभग बांध मऊगंज क्षेत्र मे मौजूद हैं,जिसके पानी से हमारे किसानों की फसल लहलहा रही है,वही पंडित रामधनी मिश्रा ने भी शिक्षा के क्षेत्र मे जो काम किया है,वह आज भी यादगार है,उन्होंने बाल मंदिर विद्यालय के साथ साथ शहीद केदारनाथ महाविद्यालय मऊगंज (skn pg college mauganj) की स्थापना किये!दूर दराज से छात्र यहा शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं!यहा से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र बड़े-बड़े पदों पर विराजमान होकर मऊगंज का नाम रोशन कर रहे हैं!
वर्ष 2018 के चुनाव नतीजो से मेरी बेचैनी स्वाभाविक थी क्योंकि मुझे लगा मै पाच वर्ष फिर पीछे चला गया, कांग्रेस की सरकार मे कमलनाथ मुख्यमंत्री बने और मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल को जनता ने अपना प्रतिनिधि बना दिया!चितिंत था कि यहां से भाजपा विधायक और प्रदेश मे कागेश की सरकार की वजह से एकबार मै फिर अनाथ हो गया,15 माह बाद जब अपने परिबार की पुरानी परंपरा को कायम रखते हुऐ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दल बदला,और अपने विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए तो मेरी बेचैनी अचानक खुशी मे बदल गई! क्योंकि कांग्रेश औधे मुह गिरी और शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने!
मेरे मऊगंज का पहला ही संयोग था कि यहा से विधायक और प्रदेश मे सत्ता एक ही दल की बनी! मैं सोचा था मुझे सबारा और सजाया जायेगा!पर चुनाव हुऐ लगभग तीन वर्ष बीत गये, पर मुझे कुछ भी मिला नही,.. जो पूर्व मे था वह भी उजड़ गया !एएसपी-अपर कलेक्टर का पद रिक्त है,..प्रधानमंत्री ग्राम सड़क सहित आरईएस विभाग का कार्यालय मऊगंज के नाम से रीवा मे संचालित है,!परिवहन चेक पोस्ट,राजस्व,पंचायत, नगर परिषद,सहित ऐसे कई विभाग है जहा के भ्रस्टाचार देखकर अब मै शर्मिंदा हूं,..पटबारी कार्यालय से लेकर हर विभागों में दलालों का डेरा है!
मै मऊगंज हू इसलिये लावारिस हू,यहां सिर्फ भ्रष्टाचार के शिवा बचा क्या है..? एक तरफ सत्ता मे सत्ताधारी मदमस्त हैं,तो दूसरी तरफ विपक्ष लाचार है,भाषणों से विकास कैशे पैदा हो,बिधायक प्रदीप पटेल की अगर बात करे तो जब कमलनाथ की सरकार थी तो हनुमना परिवहन चेकपोस्ट मे धरना देकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये थे,पर अब तो शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री है और कमलनाथ सरकार से ज्यादा वहा वशूली हो रही,परिवहन चेकपोस्ट मे खुलेआम लूट हो रही है पर बिधायक जी साइलेंट मूड में क्यों है, यह मऊगंज के आवाम की आवाज है,इसका जबाब आने बाले समय मे जनता को मागना चाहिए कि अचानक चश्मा का पावर कैसे बदल गया,
अपर कलेक्टर वा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का बंद पड़े कार्यालय जनता को चिड़ा रहे हैं!कई वर्षों से अपर कलेक्टर वा महीनों से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कार्यालय सूना पड़ा है,इन अधिकारियों की पदस्थापना तक यहा के नेता नही करा सके तो इनसे हम आगे क्या उम्मीद रखें,
हमारे भोलेभाले जिन आदिवासियों ने मोदी के नामपर बोट देकर बिधायक बनाया आज वही खनिज माफियाओं से परेशान है, हर्रहा से लेकर जड़कुड तक करीव दो दर्जन स्टोन क्रेसर आदिवासी क्षेत्रो मे स्थापित है, प्रदूषण के कारण वहा के बच्चे बूढे बीमार हो रहे हैं,बहेराडाबर हर्रहा मिलाकर एक दर्जन के लगभग संख्या टीवी मरीजो की हो गई है,
पूजीपतियों को आवासीय क्षेत्रो मे स्टोन क्रेशर के लाइसेंस दे दिए गए,परेशान वहा के आदिवासी अब पलायन करने के मूड मे है,बहेराडाबर की तरफ से पिपराही की तरफ जाने बाली कैमोर घाटी हमारे मऊगंज की सजावट के साथ सुंदरता थी उसे भी खनिज माफियाओं के माध्यम से उजाड़ा जा रहा है,बाते अभी बहुत है अगले अंक की प्रतीक्षा करे,
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