आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव में क्या डूब जाएगी भाजपा की लुटिया..?
Rewa त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरी निकाय चुनाव के आए परिणामों ने विध्य क्षेत्र मे भाजपा की हवा खराब कर दी है!अगर चुनाव परिणामों पर नजर डाले तो मन मे यही प्रश्न उठ रहा है की क्या 2023 के विधानसभा चुनाव (2023 vidhan sabha election) में डूब जाएगी भाजपा की लुटिया,क्योकि विकास पुरुष पूर्व मंत्री […]

Rewa त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरी निकाय चुनाव के आए परिणामों ने विध्य क्षेत्र मे भाजपा की हवा खराब कर दी है!अगर चुनाव परिणामों पर नजर डाले तो मन मे यही प्रश्न उठ रहा है की क्या 2023 के विधानसभा चुनाव (2023 vidhan sabha election) में डूब जाएगी भाजपा की लुटिया,क्योकि विकास पुरुष पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला महापौर क्या अपने वार्ड पार्षद तक जिताने में सफल नहीं हुए! इसी तरह जनपद सदस्य वा जिला पंचायत सदस्य के भी चुनाव परिणाम आए हैं, इस चुनाव में भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं की
धनुही धरी रह गई, उनके सगे संबंधियों को पटकनी देकर नेताओ का जनता ने अहंकार खत्म करने का कोशिश किया है!
कभी रीवा के प्रभारी मंत्री रहे रामखेलावन पटेल अपनी अमरपाटन सीट नही बचा सके,इतने बड़े मंत्री के लिये इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा..?नगर परिषद चुनाव नतीजो मे जनता की नाराजगी साफ दिख रही है,वही सीधी जिले के चोरहट नगर की जनता ने भी अपने बिधायक को माठा पिलाने मे परहेज नही किया! रीवा सिगरौली जो भाजपा का किला हुआ करता था, उसे जनता ने ढहा दिया!सीधी का परिणाम भी सांसद रीती पाठक और भाजपा बिधायायक के कान खड़े कर दिये है!
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रीवा जिले के मऊगंज मे पहली बार उदय हुई भाजपा के अस्त होने की संभावना अब प्रवल दिख रही है!क्योंकि वर्ष 2018 के चुनावी सारे वादे हवा मे उड़ गये!मऊगंज नगर परिषद के चुनाव मे 9 सीट जीतकर भाजपा भले ही सबसे बड़ी पाट्री बनकर सामने आई!पर चुनाव परिणाम पर नजर डाले तो स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि भाजपा का जनाधार खिसक गया,बिधायायक को घर घर दौड़ना पड़ा,सत्ता का भरपूर उपयोग हुआ,धरने हुऐ चुनाव दौरान कई ड्रामे हुऐ,इसके बाद भी वार्ड क्रमाक 03 और 11 छोडकर अन्य वार्डो मे 18,21,33,56,जैसे मतो से जीत मिली,जबकी यहा से सत्ताधारी पाट्री के राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त बिधायक प्रदीप पटेल है,वही हनुमना नगर परिषद की बात करे तो वहा की जनता भाजपा को ऐसा सबक सिखाया है,की धोखे से दो सीट जीतकर प्रत्याशियों ने किसी तरह अपनी और भाजपा की नाक बचा लिया,
इसी तरह हनुमना जनपद अध्यक्ष के चुनाव मे भी दिख रहा है,जहा भाजपा चुनाव मैदान से बाहर दिख रही है,जबकी निर्दलीय जोड़-तोड़ में जुटे हैं,कहते हैं झूठ फैरेव की एक उभ्र होती है,ये ज्यादा दिन नहीं चलते,वही भाजपा के साथ हो रहा है,पहली बार मऊगंज की जनता ने भाजपा बिधायक प्रदीप पटेल को चुनकर सदन भेजा था,पर चार बर्ष के आसपास बिधायक बने हुआ,सिर्फ धरना पे धरना देकर विपक्ष को शर्मिंदा कर रहे हैं,धरना देखकर ऐसा लग रहा है जैसे विधायक जी एवं विपक्ष के बीच समझौता हुआ हो, कि आप घर बैठे हम पक्ष-विपक्ष दोनों की भूमिका निभाएंगे,
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परिवहन चेकपोस्ट में विधायक बनते ही प्रदीप पटेल ने भ्रष्टाचार को लेकर धरना दिए थे, उन दिनों कमलनाथ की प्रदेश में कांग्रेश सरकार थी, फिर समय बदला, कांग्रेश सरकार गिरी और शिवराज सिंह चौहान भाजपा से मुख्यमंत्री बने, आज हनुमना परिवहन चेकपोस्ट मे हो रही अबैध बसूली वा भ्रष्टाचार चरम पर है,पर बिधायक प्रदीप पटेल का मौन होना इन्हे दागदार कर रहा है,वही बिजली समस्या को लेकर बिधायक जी ने बिजली विभाग के रीवा संभागीय कार्यालय में धरना दिए थे!
जिसके बाद मऊगंज डी को हटाकर ओपी दुवेद्धी की पदस्थापना हुई, बिजली की समस्या से हर कोई परेशान है,पर बिधायक जी की अब क्या मजबूरी हो गई की बिजली विभाग मे अब धरना नही दे रहे है,इसी तरह अस्पताल सड़क सहित कई जगह धरने होते रहे,पर समस्या जस की तस है,
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