आखिर किस पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे BSP के पूर्व प्रत्याशी मृगेंद्र सिंह
MP | मध्यप्रदेश में आगामी 2023 के होने बाले विधानसभा चुनाव की बिसात अब धीरे-धीरे बिछने लगी है! शहर से लेकर देहात क्षेत्रों मे भी चुनावी चर्चा के साथ चहल पहल भी शुरू हो चुकी है,चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता भी महंगी गाड़ियो से फर्राटे भर रहे है! चुनाव के बाद गायब हुए कई […]

MP | मध्यप्रदेश में आगामी 2023 के होने बाले विधानसभा चुनाव की बिसात अब धीरे-धीरे बिछने लगी है! शहर से लेकर देहात क्षेत्रों मे भी चुनावी चर्चा के साथ चहल पहल भी शुरू हो चुकी है,चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता भी महंगी गाड़ियो से फर्राटे भर रहे है! चुनाव के बाद गायब हुए कई नेता पुनः चुनाव आते ही मेंढक की तरह टर्र टोय करते हुऐ अपने आपको समाजसेवी बताना शुरू कर दिये है!
रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से बासपा के पूर्व प्रत्याशी रहे एडवोकेट मृगेंद्र सिंह 2018 का चुनाव हारते ही हाथी को छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिये,और यह भी निश्चित है कि वे आगामी 2023 का बिधानसभा चुनाव लड़ेंगे!क्षेत्र में जनसंपर्क भी उनका जारी हो चुका है, पर किस दल से चुनाव लड़ेंगे दल अभी दलदल में है, क्योकि मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व बिधायक सुखेन्द्र सिंह वन्ना अपनी टिकट पक्की मानकर चल रहे हैं, सुखेंद्र सिंह बन्ना को जहां पूर्व प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह राहुल का कट्टर समर्थक माना जाता है,वही मृगेंद्र सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह वा कमलनाथ पर पूरा भरोसा है,
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का ऐलान हो चुका है कि सर्वे के हिसाब से जिताऊ उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया जाएगा! कांग्रेश के सुखेंद्र सिंह बन्ना मऊगंज बिधानसभा क्षेत्र से मजबूत प्रत्याशी माने जाते है,पर उनके मार्ग में मृगेंद्र सिंह रोड़ा साबित हो रहे हैं ! अजय सिंह राहुल की पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से पटरी नही बैठ रही है,और यह भी निश्चित है की चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कमलनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे,ऐसे में मृगेंद्र सिंह अपनी टिकट पक्की मानकर चल रहे हैं!
एड.मृगेंद्र सिंह बीते 2018 के विधानसभा चुनाव में बासपा से प्रत्याशी थे, तब उन्हें 28000 के लगभग मत हासिल हुए थे! चुनाव हारने के बाद उन्होंने दल बदल कर कांग्रेश का दामन थाम लिया!आज वे कोई बड़े मंचीय कार्यक्रम नहीं किए पर पर्दे के पीछे कांग्रेश मे अंदर ही अंदर राजनीति के साथ तैयारी कर रहे हैं! मृगेंद्र सिंह की बदौलत ही वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सुखेंद्र सिंह बन्ना को हार का मुंह देखना पड़ा था,
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पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना वा एडवोकेट मृगेंद्र सिंह एक दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं,इनके बीच जनपद पंचायत हनुमना के अध्यक्ष पद के लिये पूर्व में हुए चुनाव से शुरू हुई दूरियां आज भी अनवरत जारी है!सुखेंद्र सिंह बन्ना मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेश के एक बड़े खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं!
सोशल के रूप में एडवोकेट मृगेंद्र सिंह की छवि भी क्षेत्र में अच्छी खासा है,अगर मृगेंद्र सिंह को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो किस दल से चुनाव लड़ेंगे!इस संशय से चुनावी समय नजदीक आने पर ही पर्दा उठेगा,वैसे तो उनकी पकड़ भाजपा में भी है, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई बड़े नेताओं से उनके करीबी संबंध है,भाजपा से भी टिकट के जुगाड़ की बातें सामने आ रही है,पर यह चर्चा ज्यादातर कांग्रेसियों के मुखारविंदो से सुनने को मिलती है कि मृगेंद्र सिंह भाजपा से टिकट मांग रहे हैं!
यह भी हकीकत है की यहां से भाजपा का टिकट प्रदीप पटेल को ही मिलेगा क्योंकि मऊगंज के इतिहास में पहली बार 2018 का चुनाव भाजपा की झोली में गया है!जबकि इसके पहले अखंड प्रताप सिंह केशव पांडेय जैसे कई भाजपा के बड़े धुरंधर नेता पटकनी खाकर चले गये!और भाजपा की झोली खाली रह गई कभी यहां से भाजपा का उदय नहीं हुआ था!इस वजह से प्रदीप पटेल का टिकट मऊगंज से पक्का माना जा रहा है! यह भी कहा जा रहा है कि अगर मृगेंद्र सिंह सेगर को टिकट नहीं मिला तो फिर हाथी का महावत बनेंगे! इस बात पर कितनी सच्चाई है चुनाव नजदीक आने के बाद ही पता चलेगा