Sengol Kya Hai : नए संसद भवन में स्थापित सेंगोल क्या है सेंगोल का इतिहास
what is sengol in hindi : प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्थापित किए जाने वाला सेंगोल क्या है आइए जानते हैं सेंगोल का महत्व एवं इतिहास

Sengol Kya Hai : भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन आज 28 मई 2023 को किया गया आइए जानते हैं नए संसद भवन में स्थापित सेंगोल क्या है।
What is sengol in hindi : भारत में बने हुए नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के उद्घाटन में सेंगोल को स्थापित किया कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सेंगोल को भारत के नवनिर्मित संसद भवन में स्थापित करने की बात कही थी। आपको बता दें कि सेंगोल का इस्तेमाल भारतीय दंड के रूप में किया जा रहा है और इसकी स्थापना नई संसद भवन में की जाएगी अब सवाल यह उठता है। कि आखिर सेंगोल क्या है इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इसका इतिहास क्या है तो आज हम इन्हीं सवालों का जवाब जानने की कोशिश करेंगे।
संसद भवन में स्थापित सेंगोल क्या है | What is sengol in hindi
सेंगोल एक राजदंड है जिसका इस्तेमाल जो साम्राज्य में नए उत्तराधिकारी को सत्ता हस्तांतरण के लिए किया जाता था चोल साम्राज्य में जब भी कोई राजा अपना नया उत्तराधिकारी घोषित करता था तो उसने उत्तराधिकारी को राजा सेंगोल राजदंड को एक प्रतीक के रूप में देता था।
दक्षिण भारत के तमिलनाडु में सेंगोल को निष्पक्ष और न्याय प्रिय शासक का प्रतीक माना जाता है अब एक निष्पक्ष और न्याय प्रशासन के प्रतीक सेंगोल को भारत की नई संसद भवन में स्थापित किया गया है नवनिर्मित संसद भवन में स्पीकर की सीट के बगल में इसे स्थापित किया गया है।
संसद भवन में सेंगोल की स्थापना भारत की हजारों साल पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित कर देगी आपको बता दें कि सेंगोल का इतिहास केवल चोल साम्राज्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि इतिहास के कुछ विशेषज्ञों के अनुसार चोल साम्राज्य के अलावा मौर्य एवं गुप्त साम्राज्य के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जाता था।
सेंगोल का इतिहास | HISTORY OF SENGOL IN HINDI
भारत में सेंगोल का इतिहास कई हजार साल पुराना है सेंगोल के इतिहास की शुरुआत भारत के चोल साम्राज्य से होती है कहा जाता है कि चोल साम्राज्य के दौरान जब सत्ता का हस्तांतरण होता था। तो उस समय राजा सत्ता की शक्ति के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में राजा सेंगोल को अपने उत्तराधिकारी को सौंप देता था अगर सेंगोल के आधुनिक इतिहास की बात करें तो भारत की आजादी का भी एक किस्सा से जुड़ा हुआ है। आजादी के दौरान भारत की स्वतंत्रता संप्रभुता और सत्ता हस्तांतरण के तौर पर यह सेंगोल राजदंड भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को प्रतीक के रूप में सौंपा गया था।