रीवा जिले का गुड़ पूरे प्रदेश में है मशहूर, वर्षों पुरानी पारंपरिक विधि से होता है निर्माण

50 वर्षों से लगातार बनाया जा रहा है गुड़ रीवा के साथ-साथ पूरे प्रदेश में है मशहूर

रीवा जिले का गुड़ पूरे प्रदेश में है मशहूर, वर्षों पुरानी पारंपरिक विधि से होता है निर्माण
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रीवा जिले में बनाया जाने वाला गुड़ विंध्य के साथ-साथ पूरे प्रदेश में मशहूर है इतना ही नहीं यह यूपी एमपी बॉर्डर के माध्यम से मिर्जापुर बनारस तक भी सप्लाई होता है रीवा मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर हनुमना तहसील क्षेत्र के किसानों द्वारा पारंपरिक विधि के द्वारा इस गुड़ का निर्माण किया जाता है जो स्वाद में अन्य गुड़ की अपेक्षा अत्यधिक लाजवाब होता है वैसे तो भारत के अनेक राज्यों में गुड़ बनाया जाता है लेकिन हनुमना के बरही में बनाए जाने वाले गुड़ का आयुर्वेद में भी अत्यधिक महत्व है स्थानी आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक इस गुड़ का सेवन करने वालों को कभी पेट की बीमारी नहीं होती एवं उनकी पाचन क्रिया भी बेहतर रहती है


50 सालों से बनाया जा रहा गुड

रीवा जिले के हनुमना तहसील अंतर्गत आने वाले गांव में यह गुड़ लगभग 1965 के दशक में शुरू हुआ था जो लगातार अभी तक बनाया जा रहा है वैसे तो बाजार में बहुत सारे तरह-तरह के गुड़ की वैरायटी उपलब्ध है पर हनुमना का गुड़ विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ पूरे मध्यप्रदेश में जाना जाता है रीवा की कई चीजें प्रसिद्ध है हाल ही में यहां के सुंदरजा आम को जीआई टैग भी मिला है


पारंपरिक तरीके से होता है निर्माण

हनुमना में बनाया जाने वाला गुड़ "हनुमनाहवा गुड़" के नाम से प्रसिद्ध है खास बात यह है कि इस गुड को अभी भी पुराने तरीके से ही बनाया जाता है यहां के किसानों द्वारा ही गन्ने की खेती की जाती है एवं उससे गन्ने का रस निकालकर धीमी आंच में कई घंटों तक पकाया जाता है तब जाकर यह गुड़ तैयार होता है मुख्य बात यह है कि आज के आधुनिक जमाने में भी यहां के किसान वर्षों पुरानी पारंपरिक विधि से ही इस गुड़ का निर्माण करते हैं

घरों में ही बनाया जाता है गुड

इस गुड को बनाने के लिए किसी भी प्रकार के कारखाने का उपयोग नहीं किया गया है यहां के किसान खुद ही गन्ने का उत्पादन करते हैं एवं घर में ही इसे बनाया जाता है पहले लगभग पूरा गांव ही इस कार्य में लगा हुआ था पर जैसे-जैसे समय बीतता गया लोग आधुनिक होते गए और गन्ने की खेती भी कम होने लगी जिसके कारण अब 10 से 15 परिवार ही ऐसे हैं जो गुड़ का निर्माण करते हैं


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