मध्यप्रदेश छात्रसंघ चुनाव पर HC सख्त, ऐसे में तो पिछड़ जाएगा मध्यप्रदेश
8 साल से रुके मध्यप्रदेश छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर याचिका में हाईकोर्ट ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव से ही राष्ट्रीय स्तर के नेता मिलतें हैं ऐसे में चुनाव न कराने से एमपी अन्य राज्यों की तुलना में पीछे रह जायेगा.

मध्यप्रदेश छात्रसंघ चुनाव: एमपी में 2017 से रुके छात्रसंघ चुनाव में हाईकोर्ट सख्त होते हुए कहा कि यदि छात्रों को नेतृत्व का मौका ही नही मिलेगा तो राज्य राष्ट्रीय नेतृत्व की दौड़ में पीछे रह जायेगा. एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की
बेंच ने विश्वविद्यालय और सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि चुनाव न होने से राज्य अन्य राज्यों की तुलना में काफी पीछे रह जायेगा. ऐसे ही छात्रसंघ चुनाव से राष्ट्रीय स्तर के नेता राज्य को मिलतें हैं.
अगली सुनवाई 5 अगस्त को, 3 हफ्तों में देना होगा जवाब
हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि सभी विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव और कार्यकारिणी के गठन की जानकारी तीन सफ्ताह के भीतर कोर्ट को दें. अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त 2025 को होगी.
कई यूनिवर्सिटी के खिलाफ लगी याचिका
मध्यप्रदेश NSUI के सेक्रेटरी अधिवक्ता अदनान अंसारी ने 2024 में यह याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा कि जब पत्राचार और धरना प्रदर्शन से भी न्याय नही मिला तो उन्हें हाईकोर्ट की मदद लेनी पड़ी. पहले यह याचिका सिर्फ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय तक ही सीमित थी.
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