New Criminal Laws: 164 साल पुरानी संहिता मे संशोधन एक जुलाई से लागू होंगे नए दंड कानून, केंद्र सरकार ने जारी किया अधिसूचना
आजादी के 76 वर्ष बाद भारत में अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कानून में करने जा रही संशोधन जारी हुई अधिसूचना
New Criminal Laws: भारत मे अंग्रेजों के जमाने मे 164 साल पहले बनाये गये दंड कानून को आजादी के 76 वर्ष बाद अब केंद्र सरकार संशोधन वा बदलाव करने जा रही है. जिसकी अधिसूचना सरकार ने शनिवार को जारी कर दिया है. अब नए न्याय संहिता में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को एक जुलाई से लागू कर दिया जायेगा. यह नया कानून शीतकालीन सत्र में पारित हुआ था और राष्ट्रपति द्वारा इन्हें मंजूरी दे दी गई थी.
नए दंड कानून (New Criminal Laws) मे आतंकवाद, माँब लिंचिग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. अब नए कानून के तहत अदालतों से जल्दी न्याय मिलने का रास्ता भी सुगम हो गया है.
न्याय संहिता (Code of Justice)
न्याय संहिता अंतर्गत आईपीसी में 511 धाराएं थी,अब बीएनएस मे सिर्फ 358 धाराएं होगी. अब नये न्याय संहिता के कानून में 21 अपराध जोड़े गए हैं, 41 अपराधों में कारावास की समय सीमा बढ़ाई गई है. वहीं 82 अपराधों में जुर्माना भी बढ़ा दिया गया है. 25 अपराधों में न्यूनतम सजा का प्रावधान रखा गया है इसके साथ ही न्याय संहिता की 19 धाराएं भी खत्म की गई हैं.
नागरिक सुरक्षा संहिता (Civil Defense Code)
नागरिक सुरक्षा संहिता की पुरानी सीआरपीसी में 484 धाराएं थी अब इसमे 531 धाराएं होगी. 177 धाराओं मे परिवर्तन किया गया है,जबकि 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं!इसके साथ ही नये नागरिक सुरक्षा संहिता में 14 धाराओं को खत्म कर दिया गया है.
साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act)
साक्ष्य अधिनियम के तहत पुराने एविडेंस एक्ट में 167 धाराएं थी अब नए साक्ष्य अधिनियम में 170 धाराएं होगी. इसके साथ ही 24 धाराओं में बदलाव किया गया है, वही 2 नई धाराएं जोड़ी गई हैं जबकी 6 धाराएं खत्म की गई हैं.
राजद्रोह की जगह देशद्रोह – New Criminal Laws
नए कानून में राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह को दंडनीय अपराध बनाया गया है. इसमें देश की अखंडता वा एकता को खतरे में डालने वाले कृत्यो को शामिल किया गया है.
महिला से जुड़े मामलो मे संशोधन
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध का अलग अध्याय शुरू किया गया है, 18 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास या मौत की सजा. वही बलात्कार पर काम से कम 10 साल से आजीवन कारावास व जुर्बाने की सजा का प्रावधान किया गया है.
आतंकवाद को किया गया परिभाषित
नए दंड कानून (New Criminal Laws) में पहली बार धारा 113 (1) के तहत आतंकवाद को दंडनीय अपराध बनाकर इसे परिभाषित किया गया है. ऐसा कृत्य जो भारत की एकता व अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने लोगों या उसके एक वर्ग को डराने यह सार्वजनिक व्यवस्था को बिगड़ने के इरादे से देश या विदेश में कोई करता है तो वह आतंकवाद है. इस परिभाषा में संपत्ति को नुकसान,नकली मुद्रा व तस्करी भी शामिल है.
सरकार ने जारी किया राजपत्र - New Criminal Law Rajpatra