MP Breaking: मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग का निर्देश अब किराए के भवनों में नहीं संचालित हो पाएंगे प्राइवेट कॉलेज
उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया नया निर्देश, अब किराए के भवन में नहीं संचालित हो पाएंगे प्राइवेट कॉलेज
MP Breaking: मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग ने एक नया निर्देश जारी किया है. इस आदेश के तहत किराए के भवनो में 5 वर्षों से लगातार संचालित होने वाले प्राइवेट कॉलेज अब नहीं संचालित हो पायेंगे. उच्च शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुऐ विश्वविद्यालय के कुल सचिव को इस संबंध मे एक नया आदेश जारी किया है.
प्राइवेट कॉलेज को किराए के भवन में संचालित करने के लिए इन दिनों अनापत्ति प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया जा रहा है. वर्ष 2018-19 में प्राइवेट कॉलेज संचालन के लिए एक नियम जारी किया गया था. जिसमें किराए के भवन में 3 वर्ष तक प्राइवेट कॉलेज संचालक करने की अनुमति दी गई थी. उस आदेश के बाद कॉलेज संचालको ने शासन से किराए के भवन पर कॉलेज संचालन करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग किया था.
कॉलेज संचालकों की मांग पर उच्च शिक्षा विभाग ने 3 वर्ष की जगह 5 वर्ष तक किराए के भवनों में कलेज संचालन की अनुमति दे दिया था पर 5 वर्ष बाद भी ज्यादातर प्राइवेट कॉलेज किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं. जिसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी करते हुऐ विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र भेज कर निर्देश दिए हैं कि किराए के भवनो में 5 वर्ष से ज्यादा समय से किराए के भवनों में संचालित प्राइवेट कॉलेजो की जांज कर उनकी संबद्धता रोकी जाए.
कॉलेज संचालन के लिऐ यह था नियम
मध्य प्रदेश में किराए के भवनो में संचालित होने वाले निजी कॉलेज के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था,निजी कॉलेज संचालन के लिए अचल संपत्ति के संबंध में शासन द्वारा किए गए प्रावधानों के अनुसार नगरीय क्षेत्र में 2 एकड़ भूमि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 5 एकड़ भूमि का होना जरूरी है.
इसके बाद भी निजी कॉलेज संचालक स्वयं का भवन नहीं बनाया!और लगातार शासन से माग कर रहे हैं कि किराए के भवन में कॉलेज संचालक के लिए समय सीमा बढ़ाई जाए! जबकि कॉलेज खोलने की अनुमति लेते समय कॉलेज संचालकों द्वारा कहा गया था कि 3 वर्ष के अंदर निजी भूमि पर भवन बनाकर कालेज संचालित करेगे.
निजी कालेजो की रोकी जाएगी संबद्धता
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय को एक आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय के कुल सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक संयुक्त रूप से परीक्षण कराएं की जिन निजी कॉलेजो को 2024-25 के लिए संबद्धता प्रदान की गई है वे कॉलेज 5 वर्ष बाद भी किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं या उनकी ओर से निजी भवन तैयार कर उसमें कॉलेज संचालित किया जा रहा है.
अगर 5 वर्ष बाद भी किराए के मकान में निजी कॉलेज संचालित हो रहे हैं तो उन्हें चिन्हित कर उनकी संबध्दता तत्काल रोकने की कार्यवाही करे! रीवा और शहडोल संभाग में दो दर्जन से ज्यादा निजी कॉलेज किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं माना जा रहा है इन कॉलेजो की संबध्दता इस नए आदेश के बाद रोकी जाएगी.