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Rewa News: मासूम मयंक को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर जारी है रेस्क्यू कार्य, गांव वाले कर रहे प्रार्थना सेना को बुलाने की तैयारी

मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनिका गांव में बोर में गिरे मासूम 6 वर्षीय मयंक को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन - Rewa News

Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक बड़ा हादसा हो गया जहां शुक्रवार को खेलते समय गेहूं के खेत में मौजूद बोरवेल में 6 साल का मासूम बच्चा गिर गया. यह बोरवेल 70 फीट गहरा है और बच्चा 60 फीट की गहराई पर जाकर फस गया है. खबर लगते ही जिले के सभी अधिकारी रेस्क्यू दल डॉक्टर की टीम मौके पर मौजूद है पिछले 15 घंटे से रेस्क्यू का कार्य जारी है. गड्ढा खोदने के लिए 8 जेसीबी मशीन लगाई गई है और मासूम को लगातार ऑक्सीजन दी जा रही है. अब तक 35 से 40 फीट तक गड्ढा खोदा जा चुका है.

लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी बोरवेल में फंसे बच्चे की स्थिति का जायजा लेने के लिए कैमरा भी भेजा गया वहीं इस मामले में रीवा विधायक और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने अपने ट्विटर अकाउंट “X” से ट्वीट करते हुए बच्चे के सुरक्षित निकलने की कामना की है.

इस तरह से हुआ हादसा

रीवा जिले के जाने थाना क्षेत्र अंतर्गत मनिका गांव निवासी 6 वर्षी बच्चा मयंक आदिवासी पिता विजय आदिवासी जो अन्य बच्चों के साथ गेहूं की बालिया बिनने खेत पर गया था. इस दौरान कई अन्य बच्चे भी मौजूद थे पर मयंक खेत में ही मौजूद बोरवेल में गिर गया.

बनारस से देर रात पहुंची एनडीआरएफ की टीम

मासूम बच्चा मयंक के बोरवेल में फंसे होने की सूचना जैसे ही एनडीआरएफ की टीम को दी गई वैसे ही बनारस से एनडीआरएफ की टीम रवाना हो गई और देर रात घटना स्थल पर पहुंची. वही बच्चे को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. मौके पर सेना बुलाने के विकल्प पर भी अधिकारी विचार कर रहे हैं.

रात भर मौजूद रहे कलेक्टर और एसपी

घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह रात भर मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने रेस्क्यू कार्य की मॉनिटरिंग की और बच्चे को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

कागजों में खुले बोर बंद करने का आदेश

मनिका गांव में मौजूद यह बोरवेल 3 वर्षों से खुला पड़ा हुआ था इस बोरवेल को 3 साल पहले हीरामणि मिश्रा के द्वारा खुदवाया गया था. लेकिन इसमें पानी न होने की वजह से इसे खुला छोड़ दिया गया. इस बोरवेल को ना तो बंद करवाया गया और ना ही सुरक्षित करवाया गया जिसके कारण यह हादसा हुआ है.

पूर्व में बच्चों के बोरवेल में गिरने की लगातार बढ़ती घटनाओं के बीच रीवा के तत्कालीन कलेक्टर मनोज पुष्प ने खुले बोरवेल को बंद करने का आदेश जारी किया था. आदेश के मुताबिक कहा गया था कि जो भी बोरवेल खुले हैं उन्हें तत्काल बंद करवाया जाए और लापरवाही करने वालों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए. लेकिन यह आदेश जमीन स्तर पर फेल हो गया. रीवा जिले के कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी बोरवेल खुले पड़े हुए हैं.

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