Rewa Ultra Mega Solar: रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना की हो रही विदेश में भी चर्चा, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाएगी केस स्टडी
Gurh Rewa Solar Plant: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाएगी रीवा के गुढ़ सोलर प्रोजेक्ट की कहानी
Rewa Ultra Mega Solar: रीवा जिले के गुढ़ में मौजूद एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की कहानी अब देश के साथ-साथ विदेशों में भी पढ़ाई जाएगी, इस परियोजना को वॉशिंगटन डीसी स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) द्वारा केस स्टडी के रूप में शामिल किया गया है.
रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना (Rewa Ultra Mega Solar Project) भारत का पहला सौर संयंत्र है जो सामान्य ग्रिड ऊर्जा के तुल्य है, यह भारत के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक है जो 1590 एकड़ यानी 6.4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, 750 मेगावाट क्षमता वाले इस रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना (Gurh Rewa Solar Plant) की स्वीकृति वर्ष 2019 में हुई थी.
इसी तरह से मध्य प्रदेश की जीवनदायनी नर्मदा नदी ओंकारेश्वर में स्थित 600 मेगावाट क्षमता वाला फ्लोटिंग सोलर परियोजना भी विकसित की जा रही है इसी के साथ ही मध्य प्रदेश में कई ऐसी छोटी बड़ी परियोजनाएं निर्माणाधीन है और जल्द ही इन्हें पूरा कर लिया जाएगा.
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विदेश में हो रही रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना की चर्चा
अमेरिका वाशिंगटन डीसी में मौजूद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अब रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना (Rewa Ultra Mega Solar) की केस स्टडी एवं इससे उत्पन्न होने वाली बिजली के संबंध में पढ़ाया जाएगा, इसकी खास बात यह है कि एशिया का सबसे बड़ा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट होने के साथ-साथ यह दुनिया का सबसे सस्ता वाणिज्य बिजली उत्पादक संयंत्र भी है जहां मात्र ₹3 से लेकर 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली बनाई जा रही है.
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