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रीवा में कंप्यूटर ऑपरेटर को मजदूर बनकर फार्म हाउस में करवाया काम, तंग आकर पीड़ित ने खाया जहर

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आउटसोर्स कर्मचारी के शोषण का मामला सामने आया है जहां कंप्यूटर ऑपरेटर आउटसोर्स कमी को बिजली कंपनी की अधीक्षण यंत्री ने फार्म हाउस में मजदूरों की तरह काम करवाया अंत में परेशान होकर पीड़ित ने जहर खा लिया

रीवा जिले में आउटसोर्स कर्मचारी का शोषण करने का मामला सामने आया है जहां कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारी को मजदूर की तरह फार्म हाउस में काम करवाया जा रहा था लेकिन 2 साल से बिजली कंपनी की अधीक्षण यंत्री द्वारा अपने फार्म हाउस में मजदूरों की तरह उससे काम करवाया जा रहा था अंत में परेशान होकर आउटसोर्स कमी उमाकांत ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली

बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री के फार्म हाउस में जहर खाने वाले आउटसोर्स कर्मचारी की शुक्रवार देर शाम अस्पताल में मौत हो गई,  कर्मचारी के परिजन अधिकारी पर प्रताडना का आरोप लगाते हुए शनिवार को शव को लेकर थाने पहुंच गए, घटना से देर तक हंगामा मचा रहा. पुलिस ने परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया जिसके बाद वे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए.

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कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर हुई थी नियुक्ति

आउटसोर्स कर्मचारी उमाकांत द्विवेदी जिसकी नियुक्ति बिजली कंपनी के अमरिया कार्यालय में आउटसोर्स कर्मचारी कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में हुई थी लेकिन बिजली कंपनी की अधीक्षण यंत्री नरेंद्र मिश्रा के द्वारा कर्मचारी से अपने पहडिया स्थित फार्म हाउस में काम मजदूरों की तरह काम कराया जा रहा था, 26 नवबर को फार्म हाउस में ही उमाकांत ने जहर का सेवन कर लिया. अधीक्षण यंत्री ने कर्मचारी को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया और परिजनों को सूचना दी, शुक्रवार शाम उपचार के दौरान कर्मचारी की मौत हो गई.

इस घटना को लेकर शनिवार को परिजन आक्रोशित हो गए, पीएम के बाद शव लेकर सिविल लाइन थाने पहुंच गए, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हंगामा करने लगे. सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय कंट्रोल रूम पहुंचे परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है, जिसके बाद वे शांत हुए.

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परिजनों ने कहा मजदूरों की तरह काम कराया जाता था

मृतक उमाकांत द्विवेदी की नियुक्ति 2 साल पहले कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर हुई थी परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे फार्म हाउस में मजदूरों की तरह काम पर लगाया गया था, चाचा ससुर नागेश्वर प्रसाद तिवारी ने बताया कि कहा कि दामाद की नियुक्ति कप्यूटर आपरेटर के पद पर हुई थी लेकिन अधीक्षण यंत्री नारेन्द्र मिश्रा द्वारा दो साल से अपने फार्म हाउस में काम कराया जा रहा था.

उनसे पैसा लेकर भी जमीन में लगवाया था जिसे वापस मांगने पर धमकियां दे रहे थे, उनको लगातार वे प्रताड़ित कर रहे थे जिसकी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया है. हम शव को लेकर सिविल लाइन थाने आये है लेकिन यहां पर पुलिस टालमटोल कर रही है, प्रताडना से ही उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया है.

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