लिव- इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन नही होने पर हो सकती है जेल और साथ ही देना पड़ सकता है जुर्माना
यूसीसी के मुताबिक उत्तराखंड में लिविंग रिलेशनशिप का वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. रजिस्ट्रेशन न कराने पर युगल को 6 मा का करवा हुआ 25000 का दंड या दोनों हो सकते हैं
बिस्तार
उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पेश किया था. इसमें शादी,तलाक, बहुविवाह, लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार नियमों पर विशेष जोर दिया गया. विधानसभा में बिल पर शाम 6:30 तक चर्चा हुई. बुधवार को चर्चा के बाद विधेयक पारित होना तय माना जा रहा है. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा. उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य होगा.
यूसीसी के मुताबिक प्रदेश में लिविंग रिलेशनशिप का वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा रजिस्ट्रेशन न करने पर युगल को 6 महीने का करवास या 25000 का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है लिव-इन रिलेशन वाले जोड़ों को अपने माता-पिता से एनओसी लेना जरूरी होगा.
नजदीकी थाने में भी जानकारी देनी होगी
लिव- इन रेलिशनशिप मे रहने बाले युगलों को नजदीकी थाने में भी जानकारी देनी होगी. अगर लिव-इन जोड़े को बच्चे होते हैं तो उनका पिता माता की संपत्ति में अधिकार होगा. विधेयक में शादी को लेकर भी कई प्रावधान किए गए हैं.
शादी का रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया गया है. बिना रजिस्ट्रेशन वाली शादी को मानता नहीं दी जाएगी. और रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर ₹20000 का जुर्माना लगेगा. शादी के बाद लड़के हैं या लड़की को दूसरी शादी की तब तक इजाजत नहीं होगी जब तक पहली शादी अमान्य ना हो जाए. बहु विवाह पूरी तरह बैन होगा.
जनजातीयां बाहर: उत्तराखंड की 4 फ़ीसदी जनजातियों को समान नागरिक संहिता से बाहर रखने का प्रावधान किया गया है. मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण उपायों और अनुसूचित जनजातियों को शामिल नहीं किया गया. समान नागरिक संहिता पर कमेटी की रिपोर्ट 780 पन्नों की है इसमें करीब 2,33,000 लोगों ने अपने विचार दिए हैं इसे तैयार करने वाली कमेटी ने 72 बैठकें की थी. ड्राफ्ट में 400 से ज्यादा धाराएं हैं. मुख्यमंत्री धामी की ओर से सदन में विधेयक पेश करने के दौरान सत्ता पक्ष की विधायकों ने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे भी लगाए तथा दूसरी ओर सत्ता पक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया.
इस दौरान सदन को भी स्थगित करना पड़ा