Rewa News: रीवा के सिरमौर जनपद पंचायत में तख्तापलट की तैयारी, 19 जनपद सदस्यों ने पेश किया अविश्वास प्रस्ताव
रीवा के सिरमौर जनपद पंचायत में जनपद अध्यक्ष रवीना साकेत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तैयारी चल रही है जिसके लिए कलेक्टर के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव रखा गया है

Rewa News: रीवा के सिरमौर जनपद पंचायत में बीते कई दिनों से चल रहा सियासी विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है, बुधवार को जनपद पंचायत के 25 में से 19 सदस्यों ने कलेक्टर के समक्ष जनपद अध्यक्ष रवीना साकेत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया. इससे जनपद पंचायत में तख्तापलट की स्थिति बन गई है.
अचानक कलेक्टर के पास पहुंचे जनपद सदस्यों ने ज्ञापन सौंपकर कहा कि जनपद अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव में जितने सदस्यों की जरूरत होती है उतने लोग यहाँ पर मौजूद हैं. दावा किया है कि तीन सदस्य अभी और अध्यक्ष के खिलाफ आएंगे.
मांग उठाई गई है कि जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव में बहुमत साबित करने के लिए सदस्यों की बैठक बुलाई जाए, जनपद सदस्य रामलाल कोल ने कहा, हमने उन्हें अध्यक्ष बनाया, लेकिन 3 साल में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, न फंड मिला, न जनता के काम हुए. आज हालत ये है कि हम अपने ही क्षेत्र की जनता के सामने जवाब देने लायक नहीं बचे.
कई अन्य जनपद सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के दौरान उन्हें मंच पर बैठने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे अपमानित महसूस हुआ, कई सदस्यों ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष उनकी बातों को नहीं सुनतीं हैं, जनपद का कामकाज रविराज विश्वकर्मा अपनी मर्जी के साथ चला रहे हैं.
जनपद सदस्यों ने अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए हैं, कहा है कि हर काम में 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है. लगातार वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार हो रहा है.
जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार और अपमानजनक व्यवहार किया जाता है, जनपद निधि का अनुचित वितरण और कामों में भेदभाव, सामान्य सभा के प्रस्तावों पर अमल कराने में असफल, आय-व्यय का लेखा अनुमोदन भी नहीं किया जाता, क्षेत्रीय दौरे पर कहीं अध्यक्ष नहीं जातीं और लॉगबुक गलत तरीके से भरी जा रही है.
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जनपद सदस्यों के चुनाव तो किसी राजनीतिक दल के चिह्न पर नहीं हुए, लेकिन अध्यक्ष रवीना साकेत के चुने जाने के दौरान भाजपा ने दावा किया था कि वह उनकी समर्थक हैं, पार्टी में भी वह सक्रिय हैं. अब बगावत करने वाले अधिकांश सदस्य ऐसे हैं, जो भाजपा के ही सक्रिय कार्यकर्ता हैं, इसके चलते पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है.
सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह की प्रतिष्ठा भी इस अविश्वास के चलते दांव पर है, उन्होंने कई सदस्यों के घर पहुंचकर मुलाकात का प्रयास किया लेकिन वह घरों पर नहीं मिले, कांग्रेस नेता इस मामले में चुटकी ले रहे हैं, कह रहे हैं कि क्षेत्र में भाजपा के भीतर वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, इसे कांग्रेस ने विधायक दिव्यराज और पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी के बीच आंतरिक द्वंद्व बताया है, हालांकि भाजपा नेताओं ने कहा है कि कांग्रेसी दिन में भी सपने देखते हैं.
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