Rewa Mauganj News: मोहन सरकार में अफसर शाही हावी, सरकारी डॉक्टर के आवास पर संविदा का कब्जा
मोहन सरकार में अफसर शाही हावी, रीवा सीएमएचओ ने नियमो को दफनाकर मऊगंज में कर दिया बड़ा कमाल

Rewa Mauganj News: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में अफसर शाही इतनी हावी हो गई है की अब सारे नियम कानून खुलेआम दफनाए जा रहे हैं. अगर यह कहा जाए कि मोहन सरकार में सभी नियम कानून सिर्फ गरीबों के लिए बनाए गए हैं तो यह कोई अतिसंयोक्ति नही होगी.
मध्य प्रदेश के रीवा सीएमएचओ डॉक्टर के एल नामदेव का एक आदेश इन दिनो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमे उन्होंने सारे नियमों की धज्जियां उड़ाकर मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के मौखिक आदेश पर संविदा डॉक्टरो को आवासीय भवन एलाट कर दिया. जबकि शासन के नियमानुसार पहले सरकारी डॉक्टरों को आवाशीय भवन एलाट होना था.
इसके बाद अगर भवन खाली हैं तब संबिदा कर्मचारियों के नाम ऐलाट करने के नियम है पर ऐसा नहीं हुआ,सीएमएचओ का आदेश वायरल होते ही यहा के डॉक्टर भी चकित है, क्योंकि जो सरकारी डॉक्टर यहां अपना परिवार लेकर खंडहर नुमा मकान में निवास कर रहे हैं उनके लिए बने आवासीय भवनो को संबिदा डॉक्टरो को ऐलाट कर दिया गया. इसके बाद से विरोध के शुर शुरू हो गए, वही मोहन सरकार के अधिकारी कितने ईमानदारी से अपना पेट भरने मे लगे है सीएमएचओ का यह आदेश ने पोल खोल दिया है.
हैंडओवर से पहले हो गया ऐलाट
रीवा सीएमएचओ डॉक्टर के एल नामदेव ने सिविल अस्पताल मऊगंज के जिन आवासी भावनाओं को संविदा डॉक्टरो के नाम ऐलाट किया है अभी वह भवन ठेकेदार द्वारा अस्पताल प्रशासन को हैंडओवर नहीं किया गया है. हैंडओवर से पहले ही रीवा सीएमएचओ ने आखिर आवासी भवन क्यों ऐलाट कर दिया. इतनी जल्दी उन्हें क्या थी यह तो जांच का विषय है.
प्रशासन की हो रही किरकिरी
नवगठित मऊगंज जिले में जिस तरह से नियम कानून दरकिनार किये जा रहे हैं,इससे प्रशासन की खूब किरकिरी हो रही है,जिन अधिकारियों के हाथ सिविल अस्पताल मऊगंज की चरमराई हुई व्यवस्था सुधारने के अधिकार दिए गए हैं अब उसी अधिकारी का नाम व्यवस्था बिगड़ने में सामने आ रहा है!अब किससे न्याय का भरोसा आम इंसान करें यह चर्चा क्षेत्र में जोरों से चल रही है!
हटाए गए सीएमएचओ
मऊगंज सिविल अस्पताल के आवासीय भवनों को संविदा डॉक्टर के नाम एलाट करने बाले डॉक्टर के एल नामदेव सीएमसीएचओ के पद से हटाए गए और सीएमसीएचओ की जिम्मेदारी अब डॉक्टर संजीव शुक्ला को दी गई है. डाक्टर के एल नामदेव को आखिर क्यों हटाया गया. यह बात अभी सामने नहीं आई है पर यह कार्यवाही आदेश वायरल होने के 48 घंटे के अंदर की गई है.