MP News: मध्य प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के गृह जिले में बीमार हुई अस्पताल, कांटा लगा तो रीवा रेफर
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के गृह जिला मे स्थित सिविल अस्पताल मऊगंज की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनो खुद बीमार सी हो गई है

MP News: मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के गृह जिले मऊगंज में खुद अस्पताल ही बीमार हो गई है. बीमारी इस कदर है कि खुद स्वास्थ्य मंत्री भी इसका इलाज नहीं कर पा रहे हैं. अगर कांटा लग जाता है तो यहां के डॉक्टर मरीज को रीवा के लिए रेफर कर देते हैं. ऐसा लगता है जैसे कांटा का भी उपचार मऊगंज अस्पताल में मौजूद नहीं है.
मध्य प्रदेश की कैबिनेट में राजेन्द्र शुक्ला को जैसे ही उपमुख्यमंत्री के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया तो ढेरांचल सहित मऊगंज वासियों ने खुशी का इजहार किया था. लोगों मे आसा जागी थी स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला अब बीमार पड़ी सिविल अस्पताल मऊगंज के स्वास्थ व्यवस्था का इलाज करेंगे.
लेकिन उन्होंने अभी तक इस स्वास्थ्य केंद्र की तरफ ध्यान तक नही दिया और हालत यह है की पैर मे काटा लगने के बाद यहा के डाक्टरों ने सीधे संजय गांधी अस्पताल रीवा रेफर कर रहे हैं. कभी कभार ऐसा लगता है कि यहां डॉक्टरो की पदस्थापन मरीज देखने के लिए नहीं सिर्फ रीवा रेफर करने के लिए सरकार द्वारा की गई है.
प्राइवेट अस्पतालों में भाग रहे मरीज
मऊगंज जिला बनने के बाद सिविल अस्पताल को अब जिला अस्पताल का दर्जा दिया गया है पर यहा की चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से मरीज अपने आप को असुरक्षित मान रहे हैं. भगवान ना करे किसी को कांटा लगे अन्यथा यहां के डॉक्टरो के पास सिर्फ एक ही उपचार है उसे रीवा रेफर करो. हालत यह है कि मऊगंज अंचल के ज्यादातर लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरफ भाग रहे हैं.
प्रसूता की मौत पर परिजनो को नहीं मिला न्याय
अभी हाल ही में एक प्रसूता ने उपचार ना मिलने से अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. इसके बाद काफी हंगामा भी हुआ. अधिकारियों ने यह कहकर परिजनो को ढाढस बधाया था कि दोषी डाक्टर पर कार्यवाही की जाएगी. प्रसूता की मौत के बाद परिजनो को अभी तक न्याय नहीं मिला.
क्योंकि परिजनो द्वारा दोषी ठहराई गई महिला डॉक्टर को बचाने के लिए पूरा सरकारी तंत्र एक हो गया. यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए प्रसूता की मौत के बाद जिस लापरवाह वा दोषी महिला डॉक्टर पर कार्यवाही होनी चाहिए थी उसे बचाने के लिए सरकारी तंत्र को आगे आना मऊगंज वासियों के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है.
उप मुख्यमंत्री के गृह जिले मे चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल जो मऊगंज जिले के ढेरा गाव निवासी है. उनके गाव से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिविल अस्पताल मऊगंज मे स्वास्थ्य व्यवस्था की हाल इनदिनों बेहाल है. जब यह हाल उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की है तो बाकी जिलों मे स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल क्या होगा इससे अनुमान लगाया जा सकता है.
कलेक्टर की नोटिस का नहीं हुआ असर
मऊगंज जिले में हनुमना नईगढी और मऊगंज सहित नवगठित देवतालाव तहसील आती है. यहां कलेक्टर से लेकर अपर कलेक्टर एसडीएम, तहशीलदार सभी मुख्यालय में रहते हैं इसके बावजूद भी सिविल अस्पताल मऊगंज की दुर्दशा पर लगाम नहीं लग रहा है. लगता है कि मऊगंज कलेक्टर भी अब हार मान चुके हैं नोटिस पर नोटिस कई दफे नोटिस हुई पर ना अस्पताल में कोई सुधार हुआ ना ही दोषियों पर कार्यवाही हुई.
मऊगंज अस्पताल के अंदर सक्रिय है दलाल
सिविल अस्पताल मऊगंज के अंदर अब दलाल भी सक्रिय हो गये है. जो डॉक्टरो के पीछे-पीछे घूम कर अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ऐसी दवा लिखवाते हैं जो अस्पताल में उपलब्ध न हो और उसे अपने मेडिकल स्टोर से लाकर उपलब्ध कराते हैं. महिला डॉक्टर की ड्यूटी दौरान अक्सर ऐसा देखा जाता है.