Mauganj News: नगर परिषद मऊगंज में कांग्रेस पर मंडरा रहा खतरा, कभी भी भाजपा की गोद में बैठ सकते हैं कांग्रेसी
भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप, 5 साल नहीं चल पाएगी मऊगंज नगर परिषद में कांग्रेस की सरकार
Mauganj News: नगर परिषद मऊगंज में कांग्रेस के ऊपर खतरा मंडल आ रहा है क्योंकि कभी भी कांग्रेसी भाजपा की गोद में बैठ सकते हैं यह जन चर्चा इन दिनों मऊगंज के गली मोहल्ले में तेज हो चुकी है. नवगठित जिले के नगर परिषद मऊगंज जहा कांग्रेस सरकार पर इन दिनों संकट के बदल मडरा रहे हैं. अब ऐसा नहीं लग रहा है कि 5 साल का अपना कार्यकाल नगर परिषद के अध्यक्ष की कुर्सी में बैठकर कांग्रेस पूर्ण कर पाएगी. क्योंकि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के बाद अध्यक्ष सहित कांग्रेस पार्षदों के बीच इन दिनों अंदर ही अंदर हलचल तेज हो गई है.
जन चर्चा यह भी है कि नगर परिषद मऊगंज से कांग्रेस का सफाया होने वाला है. कांग्रेस के एक दो पार्षद छोड़कर बाकी सभी भाजपा के संपर्क में बताये जा रहे हैं. जिनका रीवा में पहले दौरे का संवाद भी हो चुका है. जो कभी भी भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं, अगर ऐसा होता है तो मऊगंज नगर परिषद में सत्ता की कुर्सी में बैठने वाली कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो जायेगा.
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आखिर क्यों पड़ी पैतरा बदलने की आवश्यकता
बघेली में एक कहावत है की “मजबूरी में सबति के मायके भी जाना पड़ता है” मऊगंज नगर परिषद का भ्रष्टाचार इन दिनो लोकायुक्त सहित उच्च न्यायालय जबलपुर के आखिरी सुनबाई मे चल रहा है. नगरीय प्रशासन विभाग से कार्यवाही के संबंध में जवाब तलब किया गया है. अंदेशा है कि कभी भी खतरे की घंटी बज सकती है. खतरे की घंटी रोकने के लिए सिर्फ एक ही सहारा बचा है कि कांग्रेस मे रहकर जो खाया है अब उसे पचाने के लिऐ भाजपा की संजीवनी बटी ही हाजमा सही कर सकती है. जो खाया है अब उसे पचाने के लिऐ पैतरा बदलने की तैयारी चल रही है.
राजनीति बनी कमाई का जरिया
पूर्व के समय राजनीति एक जन सेवा के साथ-साथ समाज सेवा का मध्यम हुआ करती थी पर अब राजनीति कमाई का जरिया बन गई है. मऊगंज नगर परिषद के जितने माननीय पार्षद चुनकर आये थे वे अपनी जनता के लिये खरे नही उतर पाये क्योकि मध्य प्रदेश की इकलौती नगर परिषद मऊगंज है जहां कागजों में भी झाड़ू लगता है. साफ सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए कागजो मे खर्च हो गये, मोहल्ले के लोग कचरे और गंदगी से परेशान है.
कर्मचारियों को भी नहीं बक्शा
नगर परिषद मऊगंज के डेलीवेज कर्मचारियों से रेगुलर करने के नाम पर 50 -50 हजार रुपए की रिश्वत ली गई पर उन्हें रेगुलर नहीं किया गया. जबकि ये गरीब कर्मचारी परमानेंट होने की लालच में अपने पत्नी के गहने जेवर गिरवी करके 50 हजार रूपये जुटाऐ थे. अब वही कर्मचारी परेशान है क्योंकि उनके पैसे और पत्नी के जेवर सब लुट गए पर रेगुलर नहीं हुए.
सांसद विधायक निधि से मिले टैंकर की हो गई बिक्री
नगर परिषद मऊगंज में भ्रष्टाचारियो के हौसले इतने बुलंद है कि सांसद विधायक निधि से मिलने वाले टैंकरों की भी बिक्री हो गई. पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और वर्तमान विधायक प्रदीप पटेल ने अपने निधि से नगर परिषद मऊगंज को टैंकर उपलब्ध कराया थ पर धीरे-धीरे करके कई टैकरो को कबाड़ियों के हाथो बेच दिया गया.