Madhya Pradesh

MP Budget 2025-26: मध्य प्रदेश में पहली बार बनने जा रहा शून्य आधारित बजट, मोहन सरकार ने शुरू की तैयारी

Madhya Pradesh Zero Based Budget 2025-26: आर्थिक संकट से जूझ रही है मध्य प्रदेश की मोहन सरकार, फिजूल खर्ची को रोकने के लिए पहली बार बनेगा शून्य आधारित बजट

MP Budget 2025-26: मध्य प्रदेश आर्थिक संकट (Economic crisis) से जूझ रहा है ऐसे में सरकार के पास वर्तमान में चल रही योजनाओं के लिए फंड कम पड़ने लगा है, इसी तरह से आगे नई योजनाओं के लिए भी सरकार के पास पैसे की कमी है जिसकी वजह से लगातार सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है हाल ही में 24 सितंबर को सरकार ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) से कर्ज लिया है.

इस वित्तीय संकट से निपटने के लिए मोहन सरकार (Mohan Sarkar) अब तैयारी बना रही है जिसके लिए मध्य प्रदेश बजट 2025-26 का प्लान तैयार किया जा रहा है जिसके अनुसार अब पहली बार मध्य प्रदेश में शून्य आधारित बजट बनेगा, मध्य प्रदेश शून्य आधारित बजट (Madhya Pradesh Zero Based Budget) का मुख्य उद्देश्य है कि बजट की शुरुआत शून्य से की जाए पुराने वर्षों के खर्चे और व्यय नजर अंदाज करते हुए नए तरीके से बजट की रूपरेखा तैयार की जाएगी. सरकार ने इसके लिए सभी विभागों को 31 अक्टूबर 2024 तक ऑनलाइन प्रस्ताव भेजने को कहा है.

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नई योजनाओं के लिए वित्त विभाग ने मांगा प्रस्ताव

वित्त विभाग ने नई योजनाओं के लिए 5 दिसंबर तक प्रस्ताव मांगा है 23 दिसंबर से 15 जनवरी तक प्राप्त प्रस्तावों पर प्रमुख सचिव स्तरीय चर्चा की जाएगी और 27 से 30 जनवरी तक मंत्री एवं वित्त मंत्री इस पर विचार करेंगे, ऐसा पहली बार हो रहा है कि मध्य प्रदेश का बजट शून्य आधार पर बनाया जाएगा.

सभी योजनाओं का होगा मूल्यांकन

मध्य प्रदेश शून्य आधारित बजट (MP Zero Based Budget) के दौरान सरकार, प्रदेश में चल रही एक-एक योजनाओं का बारीकी से मूल्यांकन करेगी इस दौरान विभागों को इस योजना पर हो रहे खर्च लाभ की जानकारी देनी होगी. तभी यह योजना आगे संचालित हो पाएगी, इसमें पिछले वर्षों के आंकड़ों का कोई महत्व नहीं होगा ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि फिजूल खर्ची को रोका जा सके.

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सरकार की हुई जमकर किरकिरी

मध्य प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अब योजनाओं के लिए भी फंड नहीं बचे हैं इस बात की चर्चा अब पूरे देश भर में हो रही है, मध्य प्रदेश में पिछली सरकारों के कर्ज का बोझ अब मोहन सरकार को उठाना पड़ रहा है.

हालत यह हो गई है कि हर महीने की 10 तारीख को लाडली बहनों को पैसा देने के लिए मोहन सरकार को दांतों तले उंगली दबाना पड़ रहा है, इतना ही नहीं मात्र एक योजना को संचालित करने के लिए प्रदेश की सैकड़ो योजनाओं की बलि दे दी गई जिससे मोहन सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है.

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