Rewa News: रीवा और मऊगंज जिले के इन स्टोन क्रेशरों पर ताला लगाएगी सरकार, जानिए क्या है वजह
पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने के चलते रीवा और मऊगंज जिले में संचालित स्टोन क्रेशरों पर ताला लगाने की तैयारी की जा रही है
Rewa News: रीवा और मऊगंज जिले में ऐसे दर्जनों स्टोन क्रेशर संचालित है जो पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, लेकिन अब सरकार इन पर कार्यवाही करने का मूड बना रही है स्टोन क्रशरों में पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने के चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के द्वारा राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण की तरफ से कलेक्टर के पास एक पत्र भेजा गया है.
इस पत्र के माध्यम से कहा गया है कि जिले में संचालित होने वाले स्टोन क्रेशर को अब स्टेट लेवल एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी के द्वारा निर्धारित किए गए मानकों को पूरा करना होगा उसी के अनुसार ही इन्हें पंजीयन कराना होगा.
दरअसल अब तक इन क्रिस्टीयानो को जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट लेवल एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी द्वारा अनुमति मिलती थी, लेकिन बीते साल वरिष्ठ अधिवक्ता बीके माला के द्वारा याचिका दायर की गई थी इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने रीवा मऊगंज जिले सहित प्रदेश भर के सभी स्टोन क्रशरों को निर्देशित किया है कि अब वह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन करें और एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने के बाद ही संचालित करें.
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32 से अधिक स्टोन क्रशरों की कराई गई थी जांच
रीवा और मऊगंज जिले में एनजीटी के निर्देश के बाद सरकार के द्वारा 32 से अधिक स्टोन क्रशरों की जांच कराई गई थी इसमें सतना जिले के भी कुछ स्टोन क्रेशर भी शामिल थे, जांच के दौरान पाया गया कि ज्यादातर स्टोन क्रेशर नियम के विपरीत संचालित हो रहे हैं, जिसके कारण उन्हें बंद करने के निर्देश जारी किए गए थे लेकिन बाद में अलग-अलग माध्यमों से इन स्टोन क्रेशर को दोबारा से संचालित करने का अधिकार मिल गया.
इस संबंध में याचिकाकर्ता बीके माला के द्वारा बताया है कि सिया के मानकों के रूप यदि कोई भी स्टोन क्रेशर संचालित नहीं होता है तो फिर से इस मुद्दे को एनजीटी में उठाएंगे.
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