MP News: निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर लगा विराम, मप्र निजी विद्यालय संशोधन विधेयक सदन में पारित
MP Private School Amendment Bill: मध्य प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर अब विराम लगने जा रहा है अब निजी स्कूल संचालक अभिभावकों से अलग परिवहन शुल्क नहीं ले सकेंगे
MP News: मध्य प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया गया है इसके बाद अब निजी स्कूल अब विद्यार्थियों से अलग से परिवहन शुल्क नहीं ले सकेंगे, परिवहन शुल्क फीस का हिस्सा होगा, जिन स्कूलों की वार्षिक फीस 25 हजार रुपए या इससे अधिक है, वे अपनी मर्जी से फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे.
जबकि 25 हजार से कम वार्षिक फीस वाले स्कूल फीस नियंत्रण दायरे बाहर होंगे, गुरुवार को पारित मप्र निजी विश्वविद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक (MP Private School Amendment Bill) में यह प्रावधान किए गए हैं, सदन की हरीझंडी मिलने और राज्यपाल की अनुमति से नियम लागू हो जाएंगे.
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सदन को बताया कि फीस नियंत्रण से छूट वाले विद्यालय मर्जी से काम न करें, उन शालाओं की मान्यता नियम व आरटीई लागू होंगे, और इन विद्यालयों पर भी पर्याप्त नियंत्रण के साथ उनको संचालित कराने का काम विभाग पूर्व के वर्षों की तरह करता रहेगा, उनको इसमें रियायत नहीं दी जाएगी.
पोर्टल में अपडेट करनी होगी जानकारी
कुछ निजी स्कूल फीस कम लेते थे और खुद का ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम डेवलेप कर लिया उसमें ज्यादा पैसा लेने लगे, तो उसको भी हमने नियंत्रण के दायरे में लिया है, अगर व्यवस्था स्कूल चलाता है तो उसको पोर्टल में जानकारी को अपलोड करना पड़ेगा. अनावश्यक उसकी फीस नहीं ले सकते मापदण्ड सरकार निर्धारित करेगी.
उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म की अनियमितता के लिये जिला स्तर पर सुनवाई होती थी, अगर वहां पर उसको न्याय नहीं मिला तो राज्य स्तर पर प्रकरण जाता था, कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी होती थी वह निर्णय करती थी, लेकिन अगर यहां भी उसको न्याय नहीं मिले तो वह कहां जाये, इसलिए अब राज्य स्तर पर भी सुनवाई होगी.
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