MP News: फर्जी दस्तावेज के सहारे चार शिक्षक शिक्षा विभाग में कर रहे थे नौकरी, राज खुल तो दर्ज हुई FIR
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में फर्जी दस्तावेज के सहारे शिक्षा विभाग में चार शिक्षकों ने नौकरी की, जब राज खुल तो दर्ज हुआ मामला
MP News: मध्य प्रदेश में फर्जी दस्तावेज के सहरे नौकरी करने वाले चार सरकारी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज हुई है,यह अपराध न्यायालय के निर्देश पर शिक्षकों के ऊपर दर्ज किया है. आरोप है कि ये चारों शिक्षक नौकरी करने के लिए बीएलएड की फर्जी अंकसूची तैयार कर सरकारी नौकरी अर्जित किया है. यह चारों शिक्षक भिंड जिले के मौ ब्लाक में पदस्थ हैं. सूचना अधिकार के तहत निकले गये दस्तावेज के बाद न्यायालय में चुनौती दी गई, और न्यायालय के आदेश बाद मौ थाने में आरोपी शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.
भिंड जिले के सुरैयापुरा मुरार गाव निवासी पंजाब सिंह ने न्यायालय में एक परिवाद पत्र दायर किया था. जिसमें आरोप लगाया गया कि भिंड जिले के मोरखी शासकीय मिडिल स्कूल में पदस्थ संजय सिंह पलिया, शासकीय मिडिल स्कूल सिनोर में पदस्थ ब्रजेश शर्मा, शासकीय मिडिल स्कूल में पदस्थ बृजमोहन शर्मा, गोहद और छैकुंरी के सरकारी मिडिकल स्कूल में पदस्थ शिक्षक भूपेंद्र मिश्रा द्वारा फर्जी अंकसूची तैयार कर सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त किया है.\
सूचना अधिकार के नकल से हुआ खुलासा
पंजाब सिंह गुर्जर ने न्यायालय में परिवार पत्र दायर कर सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई नकल साक्ष्य के रूप में पेश किया. न्यायालय ने मामले की सुनबाई किया पंजाब सिंह गुर्जर ने पेश किए गए सबूतों के आधार पर न्यायालय को बताया कि उक्त शिक्षकों द्वारा नौकरी के समय उपयोग की गई बीएलएड की अंकसूची फर्जी है.
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फर्जी निकली अंकसूची
जो अंकसूची नौकरी के समय लगाई गई थी उसमें संजय ने वर्ष 2008 में जयभारत कॉलेज ऑफ एज्युकेशन से पास किया है. इसी तरह से ब्रजेश शर्मा राजीव गांधी बुनियादी प्रशिक्षण संस्था ग्वालियर से वर्ष 2007 में पास किया. वहीं बृजमोहन शर्मा द्वारा डीएलएड वर्ष 2010 की अंकसूची पेश किया था. बृजमोहन ने नौकरी के दस्तावेजों में अंकसूची डीएल आईईटी की जमा कराई थी. भूपेंद्र मिश्रा जो 2007 मे शासकीय गोरखी स्कूल जिला ग्वालियर से पास होने की अंकसूची लगाई थी. न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा विभाग द्वारा जांच की गई तो चारों शिक्षकों की अंकसूची फर्जी पाई गई,और शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की गई है.
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