Madhya Pradesh

Rewa Liquor Scam: रीवा में नौ लोगों ने शराब का ठेका पाने लगाया था जुगाड़, हाई कोर्ट ने कलेक्टर, एसपी सहित इन अधिकारियों को भेजा नोटिस

रीवा जिले में संयुक्त शराब ठेका पाने के लिए नौ लोगों ने लगाया था जुगाड़ जबलपुर हाईकोर्ट ने रीवा कलेक्टर एसपी सहित कई अधिकारियों को नोटिस भेज कर मांगा जवाब - Rewa Liquor Scam

Rewa Liquor Scam: मध्य प्रदेश के रीवा जिले का बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एक नया मोड़ सामने आया है, वर्ष 2022-23 में शराब दुकान ठेका पाने के लिए नौ लोगों ने ऐसा जुगाड़ भिड़ाया था कि अब यह जुगाड़ जिले के अधिकारियों के लिए गले का फांस बन गया है.

जबलपुर हाईकोर्ट (High Court Jabalpur) में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि शराब ठेका पाने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा सिंगरौली द्वारा फर्जी तरीके से परफॉर्मेंस गारंटी दी गई थी शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई.

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अब इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने रीवा जिले के कलेक्टर, एसपी, कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव, ईओडब्ल्यू एसपी, आबकारी आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

फर्जी परफॉर्मेंस गारंटी से जुड़ा है मामला

रीवा निवासी व्हीके माला (VK Mala Rewa) द्वारा अपने अधिवक्ता अमित सिंह के माध्यम से जनहित याचिका लगाई गई थी उन्होंने कहा था कि रीवा में नौ लोगों के द्वारा संयुक्त शराब ठेका पाने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा सिंगरौली के अधिकारियों के माध्यम से फर्जी बैंक गारंटी (Fake Bank Guarantee) लगाई गई थी. शराब ठेका पाने के लिए बिना किसी मार्जिन जमा के ही 15 करोड रुपए की गारंटी बनवाई गई थी. 

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जांच के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

अधिवक्ता ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि आरबीआई द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार शेड्यूल्ड बैंक जैसे नेशनलाइज्ड और एवं रीजनल बैंक आदि को परफॉर्मेंस गारंटी देने का अधिकार है कोऑपरेटिव बैंकों को इसका अधिकार नही है.

इस पूरे मामले की शिकायत के बाद जांच हुई और बैंक ने स्वीकार किया कि फर्जी तरीके से बैंक गारंटी जारी की गई है. लेकिन अब तक इसमें कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है. जिसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.

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