Entertainment News

Maha Shivratri Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पूजा का सबसे सरल तरीका, फायदा भी मिलेगा ज्यादा, धन प्राप्ति में मिलेगा लाभ

महाशिवरात्रि में इस तरह से करें भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना पूरी होगी सभी मनोकामना, जानिए पूजा की विधि और लाभ - Maha Shivratri Puja Vidhi

Maha Shivratri Puja Vidhi: महाशिवरात्रि का पावन पर्व और करोड़ों हिंदुओं की आस्था का दिन महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा. शिव भक्तों के लिए यह किसी त्योहार से काम नहीं है. इस दिन शिवलिंग का आविर्भाव हुआ था भगवान शिव का विवाह भी इसी दिन माना जाता है.

इस दिन महादेव की विधिवत व्रत से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण आनंद प्राप्त हो सकता है. महाशिवरात्रि के दिन व्रत, उपवास, मंत्र जाप और रात्रि जागरण का खास परिणाम बताया गया है. आईए जानते हैं महाशिवरात्रि पूजा विधि (Maha Shivratri Puja Vidhi) और लाभ.

Mahashivratri 2024: फिल्मी दुनिया नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी भोलेनाथ के बहुत बड़े भक्त हैं बॉलीवुड के ये सितारे

महाशिवरात्रि पूजा विधि (Maha Shivratri Puja Vidhi)

पूरे वर्ष भोलेनाथ की पूजा का फल एक दिन में पाने के लिए शिव भक्त फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के अवसर पर भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने का बहुत फल मिलता है. लेकिन सामान्य गृहस्थों के लिए रुद्राभिषेक कर पाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ की पूजा आप कैसे करें जिससे आपको पूजा का पूरा लाभ मिले इस विषय में शिव पुराण में काफी कुछ बताया गया है.

मऊगंज जिले में स्थित देव तालाब शिव मंदिर का इतिहास, आखिर एक रात में कैसे बना यह महादेव मंदिर

पहले त्रिपुंड, पूजा होगी अखंड

भगवान शिव की पूजा में त्रिपुंड की खास मान्यता है. भगवान शिव की पूजा करने से पूर्व चंदन या विभूत तीन उंगलियों में लगाकर सिर के बायीं ओर से दायीं ओर की तरफ त्रिपुंड लगाएं. बिना त्रिपुंड लेपन किए शिव का अभिषेक करना बहुत फलदायी नहीं होता है. भगवान का अभिषेक करने के बाद उन्हें भी त्रिपुंड जरूर लगाएं. इससे स्वास्थ्य और आनंद की प्राप्ति होती है.

शिवजी का अभिषेक

शिव पुराण में बताया गया है कि दुग्ध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करने पर भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं. अगर आप इन सब में से कोई वस्तु नहीं चढ़ा पाते तो केवल जल में गंगाजल मिलाकर ही शिवजी का भक्तिपूर्ण भाव से अभिषेक करें. अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जप करते रहना चाहिए.

पूजा में बेलपत्र ऐसे चढाने का नियम

शिवजी की पूजा में बेल के पत्तों का बड़ा ही महत्व माना जाता है. बेल को साक्षात् शिवजी का स्वरूप बताया गया है. महाशिवरात्रि व्रत की कथा में बताया गया है कि एक शिकारी वन्य जीवों के डर से बेल के वृक्ष पर रात भर बैठा रहा और नींद ना आए इसलिए बेल के पत्तों को तोड़कर नीचे फेंकता रहा. संयोगवश उस स्थान पर शिवलिंग था. रात भर बेल के पत्ते उस शिवलिंग पर गिराते रहने से शिकारी के सामने भगवान शिव प्रकट हो गए और व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी बन गया.

शिव पुराण में बताया गया है कि तीन पत्तों वाला शिवलिंग जो कटा फटा ना हो उसे शिवलिंग पर अर्पित करने से व्यक्ति पाप से मुक्त हो जाता है. वैसे तो एक बेलपत्र चढ़ाने से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन मुमकिन हो तो 11 या 51 बेलपत्र जरूर चढ़ाएं.

MP News: नागिन के प्यार में तीन दिनों तक सड़क में बैठा रहा नाग, रोंक दिया ट्रैफिक

क्षति से बचाएगा अक्षत

भगवान शिव ने अपनी पूजा में अक्षत के प्रयोग को महत्वपूर्ण बताया है. शिवलिंग के ऊपर अटूट चावल जरूर चढाएं. अगर संभव हो तो पीले रंग के वस्त्र में अटूट चावल सवा मुट्ठी रखकर शिवजी का अभिषेक करने के बाद शिवलिंग के पास रख दें. इसके पश्चात महामृत्युंजय मंत्र अथवा ओम नमः शिवाय मंत्र का जितना अधिक मुमकिन हो जप करें. इस विधिपूर्वक शिवलिंग की पूजा गृहस्थों के लिए शुभ माना गया है इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती है.

शिवजी की पूजा में रखें ध्यान

शिवजी का अभिषेक करने के लिए बहुत से भक्त दूध का उपयोग करते हैं. अगर आपके पास कच्चा दूध हो तभी शिवजी का अभिषेक दूध से करें. उबला हुआ और पैकेट वाला दूध पूजा में उपयोग नहीं करना चाहिए. शिव पूजा में कच्चे दूध का ही उपयोग करने का नियम बताया गया है. उबले हुए दूध से उपयोग करने की बजाय ठंडे जल से ही पूजा करना उत्तम है.

Famous Temples of India: भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर, जहां एक बार हर श्रद्धालु को जरूर जाना चाहिए

जरूर पढिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker!