Mauganj News: मऊगंज जिले में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ, ब्लॉक स्तरीय प्रोसेस लैब में तैयार हो रहे ‘कर्मयोगी’
ब्लॉक स्तरीय प्रोसेस लैब में तैयार हो रहे ‘कर्मयोगी’ हनुमना जनपद सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

Mauganj News: मऊगंज जिले में जनजातीय अंचलों के सर्वांगीण विकास और शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के उद्देश्य से हनुमना जनपद पंचायत सभागार में शुक्रवार 12 सितंबर से दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हुई। इस शिविर में ब्लॉक स्तरीय प्रोसेस लैब के माध्यम से ‘कर्मयोगी’ तैयार किए जा रहे हैं, जो आगे चलकर आदिवासी बाहुल्य गांवों तक योजनाओं को पहुँचाने का काम करेंगे।
यह अभियान भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देश पर संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स सर्वेश सिंह गहरबार (महिला एवं बाल विकास), सच्चिदानंद द्विवेदी (पंचायत), सत्यम त्रिपाठी (कृषि विभाग), मनोज सिंह (वन विभाग) और संजीव तिवारी (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।
“कोई आदिवासी योजना से वंचित न रहे”
शिविर का शुभारंभ जनपद पंचायत हनुमना की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि सभी की कोशिश होनी चाहिए कि आदिवासी किसी भी सरकारी योजना से वंचित न रहें। वहीं मास्टर ट्रेनर सर्वेश सिंह गहरबार ने ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के महत्व पर प्रकाश डाला। सच्चिदानंद द्विवेदी ने कहा कि यह पहल झोपड़ियों और बस्तियों में गुमनाम जीवन जी रहे जनजातीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने का ऐतिहासिक कदम है।

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रीवा जिले में तेजी से प्रशिक्षण
रीवा, रायपुर, गंगेव और सिरमौर ब्लॉकों में पहले ही प्रशिक्षण हो चुका है। अब हनुमना ब्लॉक में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। रीवा जिले के करीब 400 से अधिक आदिवासी गांवों में सबसे ज्यादा गांव सिरमौर, जवा और हनुमना ब्लॉकों में आते हैं।
डिजिटल जनजातीय विश्वविद्यालय का शुभारंभ
इसी क्रम में नई दिल्ली के भारत मंडपम से जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने विश्व के पहले डिजिटल जनजातीय विश्वविद्यालय ‘आदि संस्कृति’ का शुभारंभ किया। यह ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म जनजातीय कला, संस्कृति, शिल्प और ज्ञान प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने का काम करेगा।
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अभियान की जिम्मेदारी और अगला चरण
कर्मयोगी अभियान में जिला कलेक्टर अध्यक्ष और सीईओ नोडल अधिकारी होंगे। ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ और ब्लॉक समन्वयक नेतृत्व करेंगे। रीवा जिले के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मुकेश येंगल को मास्टर ट्रेनर नामांकित किया गया है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ये कर्मयोगी गांवों में जाकर जनजातीय समुदाय को योजनाओं से जोड़ने का काम करेंगे।






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