Mauganj News: मऊगंज में बड़ी दुर्घटना के इंतजार में खड़ी मौत की दीवारें, लिस्ट देख हैरान रह जाएंगे आप
मऊगंज जिले में सरकारी विद्यालय और भवनो की स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी सागर जैसी घटना की पुनरावृति हो सकती है, जिससे अब तक प्रशासन बेखबर है चीखती आवाजें डॉट कॉम के सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है.

Mauganj News: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में सैकड़ो ऐसे भवन और दीवारें हैं जो बड़ी दुर्घटना के इंतजार में खड़ी हुई हैं, हाल ही में सागर में 50 वर्ष पुरानी खंडहर नुमा दीवार ने नौ बच्चों की जान ले ली, इसके बाद प्रशासन अलर्ट पर है और खंडहर नुमा दीवार की तलाश की जा रही है लेकिन मऊगंज जिले में सैकड़ो ऐसे सरकारी भवन और दीवारें हैं जिससे प्रशासन अब तक बेखबर है.
मऊगंज नगर में सबसे अधिक दयनीय स्थिति में मऊगंज पुलिस थाना है जहां पुलिस कर्मियों के लिए बनाए गए सरकारी आवास अब अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं, यह खंडहर नुमा दीवारें कभी भी सागर जैसी घटना को आमंत्रित कर सकती हैं. इन खंडहर नुमा मकान में पुलिस कर्मियों के साथ-साथ उनका पूरा परिवार रहता है. भारी बारिश के कारण घरों के अंदर पानी टपकना तो कई वर्षों से जारी है लेकिन कभी भी यह दीवार धराशाई हो सकती है.
मऊगंज पुलिस थाने में मौजूद यह आवास उस जमाने का है जब पुराना पुलिस थाना हुआ करता था, पुलिस थाना तो नए भवन में संचालित होने लगा लेकिन अब तक पुलिस कर्मियों के लिए बनाए गए मकान को रहने के लिए उपयोग में लिया जा रहा है. सागर की इस घटना के बाद इन खंडहरनुमा मकान में रहने वाले पुलिसकर्मी और उनके परिवार दिन-रात डर के माहौल में रह रहे हैं.
ऐसा ही हाल है जनपद पंचायत मऊगंज के समीप आधा दर्जन से अधिक खंडहरनुमा मकानों का है, जिनमें कई विभागों के कर्मचारी निवास करते हैं, यह भवन हल्की ही बारिश में टपकने लगते हैं, इसी तरह से मऊगंज के सिंचाई विभाग कॉलोनी में भी कई घर ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 या 80 वर्ष से भी अधिक है.
PWD विभाग ने इन भावनाओं को कागजों में किया डिस्मेंटल
मऊगंज जनपद पंचायत के समीप कई ऐसे खंडहर नुमा मकान है जो ना इंसान के रहने लायक है और ना जानवरों के, इन भवनों की स्थिति को देखकर PWD विभाग के अधिकारियों ने कागजो में इन भावनाओं को डिस्मेंटल कर दिया है पर आज भी यह भवन मौत की दीवार बनकर किसी बड़ी घटना के इंतजार में खड़े हुए हैं. हैरानी की बात तो यह है कि अब भी यहां कर्मचारी निवास कर रहे हैं.
इन भवनों में खड़ी है मौत की दीवारें
मऊगंज जिले में अगर सरकारी खंडहर नुमा विद्यालय और सरकारी भवनों की बात की जाए तो इसका आंकड़ा सैकड़ो के पार हो जाएगा चीखती आवाजें डॉट कॉम की टीम के द्वारा मऊगंज तहसील क्षेत्र में एक सर्वे किया गया जिसमें 50 से ज्यादा सरकारी विद्यालय और कार्यालय की हालत खराब है, दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारे हैं जिनसे पानी टपक रहा है और बाउंड्री कभी भी धराशाई हो सकती है.
- मऊगंज तहसील क्षेत्र की कन्या शाला रतनगवां.
- रतनगवां गहरवारन पंचायत भवन.
- पंचायत भवन सरैहा
- पंचायत भवन पिपराही
- पंचायत भवन बराती
- पंचायत भवन बनपाडर
- सीतापुर डुंडा दुआरी स्कूल भवन.
- शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरिया की बाउंड्री वॉल
- घोरहा पंचायत की भगतपुरा विद्यालय भवन
- उचेहरा ग्राम पंचायत की हरदी स्कूल.
- पलिया प्राथमिक विद्यालय भवन.
- गोंदरी अंबिकाराम प्राथमिक पाठशाला.
- पकरा विद्यालय भवन और बाउंड्री वॉल.
- शिवपुरा नेबूहा पंचायत भवन.
- मऊगंज नगर में स्थित RES भवन.
- लोक निर्माण विभाग का कार्यालय.
- वेटरिनरी विभाग का पुराना भवन.
- पुरानी तहसील कार्यालय का रजिस्टर ऑफिस.
- मऊगंज का पुराना ट्रेजरी कार्यालय.
- मऊगंज बिजली विभाग का पुराना कार्यालय.
इस लिस्ट में शामिल यह सभी भवन और बाउंड्री वॉल ऐसे हैं जहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है इनमें से ज्यादातर भवन ऐसे हैं जो लगभग 50 वर्ष पुराने हैं, अगर मऊगंज जिले के हनुमना और नईगढ़ी तहसील क्षेत्र की बात की जाए तो यह सरकारी जर्जर भवनों का आंकड़ा 200 से भी पार हो सकता है. सागर की इस घटना के बाद देखना यह है कि मऊगंज जिले का प्रशासन इन पुराने भवनों को लेकर क्या एक्शन लेता है.
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