Harda Blast: हरदा पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट की वजह आई सामने, इस नियम को किया गया अनदेखा
हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में इसलिए हुई ज्यादा तबाही,सच आया सामने
Harda Blast: मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट दौरान इसीलिए ज्यादा तबाही हुई है! क्योंकि यहां हुए धमाके साधारण सुतली बम से नहीं बल्कि सुतली बमों के क्लस्टर बम में तब्दील होने से हुई है. यूएन (संयुक्त राष्ट्र संघ ने) क्लस्टर बम पर रोक लगा रखी है. क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर नुकसान होता है इसलिए कोई देश इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं करता इसका खुलासा आयुध निर्माण के दो विशेषज्ञों ने किया है.
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क्षमता से ज्यादा सुतली बम एक साथ रखें
हरदा में पटाखा फैक्ट्री में क्षमता से ज्यादा सुतली बम बनाए गए थे!जिन्हें एक साथ अलग-अलग कमरों में स्टॉक किया गया था! एक साथ भारी मात्रा में कमरों में रखे गए सुतली बम ने क्लस्टर बम का काम किया है,अलग-अलग रखे गए सुतली बमों से इतना बड़ा धमाका नहीं हो सकता था.
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— Bilal👑 (@bilalwarsikhan) February 6, 2024
एक ही जगह रहा पटाखों का स्टॉक
हरदा पटाखा फैक्ट्री धमाकों के बाद हुई भीषण तबाही की वजह अब धीरे-धीरे सामने आ रही है, विशेषज्ञों का कहना है कि एक फैक्ट्री में जब भी सुतली बम या अन्य पटाखे बनाए जाते हैं तो उन्हें बारूद के साथ नहीं रखा जाता, उसे फैक्ट्री से 2 किलोमीटर दूर रखते हैं!स्टॉक दूरी पर होता तो इतना बड़ा धमाका नहीं होता.
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फैक्ट्री में नहीं था सेफ्टी विभाग
पटाखा निर्माण से जुड़ी फैक्ट्री में अलग से सेफ्टी डिपार्टमेंट होता है !जहा सेफ्टी विभाग के विशेषज्ञ करते हैं कि भवन की डिज़ाइन कैसी हो, वहां की वायरिंग बिजली उपकरण कैसे हो पर यहां ऐसा नहीं था!
यह भी तबाही का वजह
फैक्ट्री की दीवार सामान्य भावनाओं से ज्यादा मोटी वा ऊंची होनी चाहिए, पर यहां नहीं थी! फैक्ट्री की छत पक्की नहीं होनी चाहिए टीन सेट होना चाहिए यहां दो बड़े भवन थे जिसमें बम स्टाक किए गए थे, रह वासियों के अनुसार फैक्ट्री में रोज 500 से अधिक लोग काम करते थे विशेषज्ञों के मुताबिक एक फैक्ट्री में इतनी बड़ी संख्या में काम करने की हनुमति नहीं दी जा सकती.