MP Politics: मोहन सरकार में शिवराज समर्थित विधायकों का हाल बेहाल, हालात पर लागू होती है यह शायरी
MP Politics: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के राज्य में शिवराज समर्थित विधायक बेहद नाराज चल रहे हैं, कोई अपनी जान को खतरा बता रहा है तो कोई बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है तो वही मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल लगातार अपनी ही सरकार में नाराज चल रहे हैं
नाराज हैं हम, आप बेफिक्र बैठे हैं,
दिल के जख्म गहरे हैं, पर आप चुपचाप बैठे हैं।
सुनाई नहीं देती क्या हमारी आवाज आपको,
या कुर्सी के नशे में चूर बैठे है.नाराज हैं हम, पर आपको परवाह नहीं,
शिकायतें लाख है, पर सुनने को कोई तैयार नही
आपकी बेफिक्री को हम सियासत का नाम देंगे,
पर वक़्त आने पर जवाब भी हम तमाम देंगे।
MP Politics: मोहन सरकार में कुछ ऐसी ही शायरी शिवराज समर्थित विधायक इन दिनों अंदर ही अंदरगुनगुना रहे हैं, क्योंकि अपनी ही सरकार में उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं है, मोहन सरकार में शिवराज समर्थित विधायकों से अच्छी हालत विपक्षी दलों के विधायकों की है.
भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान से मुख्यमंत्री का पद तो छीन लिया लेकिन आज भी ज्यादातर विधायक शिवराज समर्थित ही है. मोहन यादव जबसे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं तब से शिवराज समर्थित विधायकों ने मध्य प्रदेश में बवाल काट रखा है, भाजपा में होने के बावजूद भी शिवराज समर्थित विधायक सरकार विरोधी कार्य करके मोहन यादव को चुनौती दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश में मोहन से दुखी विधायकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, पर्दे के पीछे हालात ऐसे बन रहे हैं की यदि कोई भी एक भाजपा विधायक मोहन के खिलाफ मोर्चा खोलता है तो शिवराज समर्थित सभी विधायक उसके पीछे खड़े मिलेंगे.
मोहन सरकार अपनी कमियों और घोटालों पर पर्दा डालने की कोशिश करती है तो मऊगंज के भाजपा विधायक प्रदीप पटेल पर्दा उठा देते हैं मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के इन कारनामों से मऊगंज में विपक्ष बेरोजगार हो चुका है क्योंकि प्रदीप पटेल पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भूमिका भी बखूबी निभा रहे हैं. लेकिन प्रदीप पटेल पर चर्चा करने से पहले चलिए एक नजर डालते हैं शिवराज समर्थित नाराज विधायकों के रवैया पर…..
मध्य प्रदेश में शिवराज समर्थित विधायकों ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की भूमिका को छीन कर उन्हें बेरोजगार बना दिया है, शिवराज सरकार में कभी गृहमंत्री जैसे पदों पर बैठने वाले भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह मोहन की पुलिस पर जासूसी करने का आरोप लगते हैं, उनका कहना था कि पुलिस के बड़े अधिकारी किसी के इशारे पर उनके करीबियों का CDR निकाल रहे हैं.
इसी तरह से कभी शिवराज के खासम खास माने जाने वाले गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हैं, तो वहीं भाजपा के सबसे दबंग विधायकों में से एक संजय सत्येंद्र पाठक को मोहन सरकार में गुंडो से डर सताने लगा है.
मध्य प्रदेश में इन दोनों सबसे गर्म विधानसभा मऊगंज है जहां के भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने इन दिनों बवाल काट रखा है जिन्हें पुलिस ने तीन दिनों से गिरफ्तार करते हुए नजर बंद कर रखा है. मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल पहली बार चुनाव जीतने के शिवराज सरकार में राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त विधायक बन गए थे लेकिन दूसरी बार उन्हें मात्र विधायकी से ही संतोष करना पड़ा.
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दूसरी बार विधायक बनने के बाद प्रदीप पटेल ने मोहन सरकार में सबसे पहले सहकारिता घोटाला उजागर करते हुए अपनी ही सरकार को घेर लिया, और फिर विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी ही सरकार में नशे को लेकर मोर्चा खोल दिया था अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर फर्श पर दंडवत होने के बाद प्रदीप पटेल ने मीडिया के सामने खुलेआम रीवा आईजी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर नशा कारोबारी के साथ मिले होने का आरोप लगाया था.
नाराज मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने एडिशनल एसपी को हटाने तक की मांग की थी लेकिन उनकी इस मांग को मोहन यादव ने अनसुना कर दिया, मऊगंज विधायक ने कई महीनो तक सभी सरकारी सुविधाओं का त्याग कर दिया था.
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को यह बात अंदर ही अंदर खटक रही है कि अपनी ही सरकार में उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं है क्योंकि जिन पुलिस अधिकारियों पर मऊगंज विधायक ने आरोप लगाया था सरकार ने उनका तबादला करना तो दूर उनसे सवाल तक नहीं किया, और ना ही नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया.
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फिलहाल मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने जिले के देवरा महादेवन शिव मंदिर अतिक्रमण को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, 17 नवंबर से मंदिर प्रांगण में चल रहे धरना प्रदर्शन के बाद जब 19 नवंबर को मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल
स्थल पर पहुंचते हैं तो बवाल मच जाता है, प्रदीप पटेल ने शासन प्रशासन की मौजूदगी में ही खुद से अतिक्रमण गिरने की कोशिश की तभी पत्थरबाजी शुरू होती है इस हिंसक झड़प में कई लोग घायल होते हैं लेकिन कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस सबसे पहले मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को ही गिरफ्तार कर लेती है.
प्रदीप पटेल को गिरफ्तार करते हुए अस्थाई जेल में रखा गया है लेकिन प्रदीप पटेल ने पूरे शासन प्रशासन को यह चेतावनी दी है कि जैसे ही उन्हें यहां से छोड़ा जाएगा वह तुरंत महादेवन मंदिर परिसर का अतिक्रमण गिरने के लिए पहुंचेंगे, प्रदीप पटेल को मनाने के लिए मोहन यादव ने अपना दूत बनाकर मऊगंज जिले के प्रभारी मंत्री लखन पटेल को भेजा था लेकिन प्रदीप पटेल है कि मानने को तैयार नहीं है.
इस पूरे मामले पर मोहन यादव की चुप्पी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे मोहन प्रदीप पटेल को अपने पार्टी का विधायक ही नहीं मानते हैं, और प्रदीप पटेल है कि अपनी ही सरकार में मोहन यादव को घेरने का कोई भी मौका छोड़ने को तैयार नहीं है…..