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Mauganj News: मऊगंज जिले में चोरी हुआ जल संसाधन विभाग का कार्यालय, आम जनता सहित कर्मचारी कर रहे तलाश

मऊगंज जिले में अब तक अपने गहनों की चोरी सुनी होगी, कीमती सामान की चोरी सुनी होगी लेकिन अब एक कार्यालय ही चोरी हो गया

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Mauganj News: मऊगंज जिले में अब तक अपने गहनों की चोरी सुनी होगी, कीमती सामान की चोरी सुनी होगी लेकिन अब एक कार्यालय ही चोरी हो गया, जिसकी तलाश आम लोगों के साथ-साथ खुद कार्यालय के कर्मचारी भी कर रहे हैं. यहां तक की कार्यालय की तलाश करने के लिए कलेक्टर मऊगंज को भी आवेदन सौंपा गया है.

दरअसल हम बात कर रहे हैं मऊगंज के जल संसाधन विभाग कार्यालय की जो रीवा से तो चला लेकिन मऊगंज नहीं पहुंचा, बीच रास्ते में ही यह कार्यालय कहीं गायब हो गया, जब इस कार्यालय के कर्मचारियों ने कार्यालय ढूंढने का प्रयास किया तो उन्हें सिंचाई विभाग कॉलोनी के मैदान में एक चमचमाता बोर्ड दिखा, लेकिन कार्यालय कहीं नहीं दिखा, लिहाजा परेशान होकर कर्मचारियों ने मऊगंज कलेक्टर संजय जैन से मदद की गुहार लगाई है.

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बता दे की 1 अप्रैल 2025 को पूर्वा नहर संभाग रीवा को तोड़कर जल संसाधन संभाग मऊगंज बनाया गया था, जिसका कार्यालय मऊगंज सिंचाई विभाग कॉलोनी में बनाया जाना था, लेकिन यह कार्यालय सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहा है, इस पूरे मामले में सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इस कार्यालय में पदस्थ लगभग 50 से अधिक कर्मचारियों का वेतन ही अटक गया.

यह कर्मचारी ना रीवा जिले के हो सके और ना मऊगंज जिले के, क्योंकि मऊगंज में तो जल संसाधन विभाग का कार्यालय ही लापता हो गया है, लिहाजा यह कर्मचारी महीनो से वेतन के लिए भटक रहे हैं. इन कर्मचारियों ने 10 जून को कलेक्टर महोदय को ज्ञापन पत्र सौंपते हुए, यह अल्टीमेटम भी दिया था कि अगर एक हफ्ते की भीतर वेतन नहीं मिलता तो हम लोगों को मजबूरी में प्राण त्यागने पड़ेंगे. क्योंकि अब सभी कर्मचारी भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं.

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15 अगस्त 2025 से मऊगंज को जिला बने 2 वर्ष का समय हो जाएगा लेकिन आज भी हालात ऐसे हैं कि ज्यादातर कार्यालय रीवा से ही संचालित हो रहे हैं, इसके लिए मऊगंज कलेक्टर संजय जैन ने अपनी पदस्थापना दौरान से ही प्रयास किया कि कार्यालय रीवा से हटकर अब मऊगंज जिले में संचालित हो,,, लेकिन बड़ी-बड़ी कुर्सी में बैठे मठाधीश कलेक्टर की आंखों में धूल झोंक कर कार्यालय को मात्र बस्ते से संचालित कर रहे हैं, कभी-कभार यह अधिकारी टीएल बैठक में कार्यालय को बस्ते में भरकर मऊगंज कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत होते हैं. टीएल बैठक के दिन ऐसा लगता है जैसे मऊगंज जिले में 50 से ज्यादा विभागों का कार्यालय संचालित हो रहा है, लेकिन असल में ज्यादातर कार्यालय सिर्फ एक बस्ते से संचालित हो रहे हैं.

टीएल बैठक में शामिल होने के बाद पुनः यह अधिकारी गायब हो जाते हैं, मऊगंज जल संसाधन संभाग के 50 से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें बैठने के लिए अब कोई स्थान तक नहीं बचा, फिलहाल अब  पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए मऊगंज कलेक्टर संजय जैन ने जांच करवरकर कार्यवाही के संकेत दिए हैं.

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