Madhya Pradesh

MP News: लोकसभा चुनाव से पहले हड़ताल पर उतरी एमपी की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, सरकार को दी चेतावनी

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही मध्य प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेतावनी दे दी है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर कम मोहन यादव के नाम ज्ञापन दिया है

MP News: आगामी होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले महिला बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं हड़ताल पर उतरकर सरकार को चेतावनी दिया है. उनकी मांग है की केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,आशा कार्यकर्ता को कोई लाभ नहीं दिया गया.

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता मिड डे मील वर्कर्स और अन्य योजना कर्मियों को नियमित किया जाए और सरकारी कर्मचारियों की तरह ही लाभ प्रदान करते हुए भुगतान किया जाए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने कई मांगे की है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगे

  • बुनियादी सेवा योजनाएं आईसीडीएस (सक्षम आंगनवाड़ी और पोपण अभियान 2.0) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मिड डे मील योजना (पीएम पोपण) जो लोगों को भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी वैधानिक अधिकार प्रदान करती हैं, उन्हें गुणवता के साथ सार्वभौमिक बनाया जाये और स्थायी विभाग बनाया जावे एवं पर्यात बजट का आवंटन सुनिश्चित किया जाए.
  • सभी स्कीम वर्कर्स, योजना कर्मियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं, मिनी कार्यकर्ताओं आशा कार्यकर्ताओं, मिड डे मील वर्कर्स और अन्य योजना कर्मियों को नियमित किया जाए और सरकारी कर्मचारियों के रूप में सभी लाभों का वैधानिक भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
  • नियमितीकरण लंचित रहने तक 45वीं आईएलसी की सिफारिशों के अनुसार स्कीम वर्कर्स / योजना श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह से कम न हो वेतन दिया जाये.
  • 12,000 रुपये प्रति माह पेंशन, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी सहित सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किया जावे.
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं, मिनी कार्यकर्ताओं के ग्रेच्युटी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तुरंत लागू करें. इसे सभी योजना कर्मियों के लिये लागू किया जावे.
  • मध्याह्न भोजन कर्मियों को गर्मी की छुट्टियों सहित स्कूल बंद रहने की अवधि के लिए भी न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाये, इस योजना में ठेकेदारी या केंद्रीकृत रसोई को रोका जावे.
  • केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत काम करने वाले सभी योजना कर्मियों के वेतन और सेवा शर्तों में सुधार और नियमितीकरण की प्रक्रिया पर विचार करने के लिए एक वेतन आयोग का गठन किया जाए.
  • सभी राज्यों में विभिन्न श्रेणियों के योजना कर्मियों के लिए एक समान सेवा नियम बनाया जावे.
  • योजना कर्मियों से गैर विभागीय कार्य न कराया जावे.
  • एनईपी-2020 और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) को वापस लिया जावे.
  • चारों लंबर कोड वापस लिया जावे एवं योजना कर्मियों को श्रम कानूनों का लाभ दिया जावे.
  • आंगनवाडी परियोजनाओं सहित सार्वजनिक उद्योगों एवं सेवाओं का निजीकरण चंद किया जावे.
  • भोजन और शिक्षा के अधिकार की तरह सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार कानून बनाया जावे.
  • सभी को भोजन, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा एवं आवास उपलब्ध कराया जावे.

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