Rewa News: रीवा में भ्रष्टाचार का अनोखा खेल, सरकारी खजाने से लुट गए 3 करोड़ रुपए
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में भ्रष्टाचार का अनोखा खेल सामने आया है जहां हैंड पंप की मरम्मत के नाम पर 3 करोड रुपए का अनियमित भुगतान किया गया है
Rewa News: रीवा जिले में भ्रष्टाचार का एक अनोखा खेल सामने आया है जहां हैंड पंप की मरम्मत के नाम पर 3 करोड रुपए का अनियमित भुगतान कर दिया गया, कथित तौर पर भ्रष्ट अधिकारियों ने मिलकर सरकारी खजाने से 3 करोड रुपए लूट लिया.
दरअसल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) विभाग द्वारा कई कार्यो में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है और सबसे बड़ी अनियमितता हैंड पंप की मरम्मत के नाम पर की गई जांच के दौरान दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए गए जिसके चलते माना गया है कि अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है, इस पूरे भ्रष्टाचार की रिपोर्ट भी शासन को भेज कर भ्रष्टाचार्यों पर कार्यवाही की अनुशंसा की गई लेकिन अब तक इन पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई.
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यह है पूरा मामला
पिछले वर्ष आईएएस अधिकारी सोनाली देव की अध्यक्षता में एग्जास्ट टीम का गठन किया गया था, जिसमें PHE विभाग के कई योजनाओं की समीक्षा की गई थी, जिसमें हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 3.17 करोड़ रुपए का भुगतान किए जाने का दावा किया गया था, वर्ष 2020 से 2023 तक के भुगतान का ब्योरा इसमें शामिल किया गया है.
जांच दल ने हैंडपंप मरम्मत से जुड़े भुगतान के दस्तावेज तत्कालीन कार्यपालन यंत्री से मांगा लेकिन उन्होंने अन्य को जिम्मेदार बताते हुए पल्ला झाड़ लिया. जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पंजी अवलोकन और परीक्षण के लिए सहायक यंत्री आरके सिंह, एसके श्रीवास्तव से कई बार मौखिक मांगी गई लेकिन दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं कराए गए.
इन अधिकारियों का नाम आया सामने
जांच टीम के दौरान पाया गया कि अधिकारियों के द्वारा भुगतान के समय शिकायत एवं मेंटेनेंस वाउचर के दस्तावेज पर ध्यान नहीं दिया गया बल्कि सीधे तौर पर भुगतान कर दिया गया जो की लापरवाही की श्रेणी पर आता है, जांच टीम के द्वारा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह, प्रभारी सहायक यंत्री एसके श्रीवास्तव, आरके सिंह, एसके सिंह, केबी सिंह, उपयंत्री अतुल तिवारी, संजीव मरकाम, लेखाधिकारी विकास कुमार आदि को अनियमित भुगतान का जिम्मेदार माना है.
इसी के साथ ही कई निविदाकारों को भुगतान हुआ है, जिसमें पाया गया है कि इन्होंने बिना काम के और नियमों के विपरीत भुगतान हासिल किया है, शासन को हुई हानि की वसूली एवं अन्य ठोस कर्रवाई का प्रस्ताव दिया गया है.
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