MP Cyber Tehsil: मध्य प्रदेश का राजस्व विभाग होगा हाईटेक प्रदेश में 29 फरवरी को एक साथ शुरू होगी साइबर तहसील
मध्य प्रदेश का राजस्व विभाग हाईटेक होने जा रहा है क्योंकि प्रदेश में एक साथ सभी जिलों में साइबर तहसील की शुरुआत होने जा रही है -MP Cyber Tehsil
MP Cyber Tehsil: मध्य प्रदेश का राजस्व विभाग अब हाईटेक होने जा रहा है गौरतलब है कि राजस्व संबंधित कार्यों में काफी समय लगता है. जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है साइबर तहसील व्यवस्था के माध्यम से सरकार नागरिकों के हित में अभूतपूर्व परिवर्तन करने जा रही है.
इसी क्रम में 29 फरवरी 2024 को मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ साइबर तहसील (MP Cyber Tehsil) का शुभारंभ होने जा रहा है. साइबर तहसील के माध्यम से राजस्व संबंधित प्रकरणों का निराकरण अत्यंत कम समय में हो पाएगा. इसी के साथ ही भू अभिलेख में अमल के बाद भू अभिलेख एवं आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि संबंधित पक्षकार को मिल सकेगी. साइबर तहसील के माध्यम से अब तकनीकी सहायता में कम समय और गुणवत्ता पूर्वक कार्य हो सकेगा.
60 की जगह 15 दिनों में होगा कार्य – MP Cyber Tehsil
राजस्व संबंधित जो कार्य मैन्युअल प्रक्रिया में 50 से 60 दिनों में होते हैं वह कार्य साइबर तहसीलों की मदद से 15 से 17 दिन के भीतर ही हो जाएंगे जो की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. खास बात यह है कि कार्य पेपरलेश और ऑनलाइन हो सकेगा. इसी तरह से संपूर्ण खसरा के क्रय विक्रय से संबंधित सभी प्रकार के जरूरी नामांतरण कार्यों का भी निराकरण साइबर तहसीलों की मदद से किया जा सकेगा.
साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील के प्रावधान किए गए हैं. अब साइबर तहसील की व्यवस्था सभी जिलों में लागू हो रही है.
मध्य प्रदेश साइबर तहसील से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु – MP Cyber Tehsil
कैसे होगा काम – साइबर तहसील में पंजीयन से नामांतरण तक की प्रकिया लागू कर दी गई है। साइबर तहसील को 4 अलग-अलग प्लेटफार्मों जैसे संपदा पोर्टल, भूलेख पोर्टल, राजस्व प्रकरण प्रबंधन व्यवस्था के पोर्टल से जोड़ दिया गया है.
सायबर तहसील में ऐसे प्रकरण निराकरण योग्य हैं – संपूर्ण खसरा, जिसे विभाजित नहीं किया गया एवं ऐसी जमीन जो किसी प्रकार से गिरवी या बंधक ना रखी गई हो. पोर्टल पर पंजीयन करने के बाद और रजिस्ट्री के बाद रेवेन्यू पोर्टल पर स्वतः केस दर्ज हो जाएगा. इसके बाद सायबर तहसीलदार द्वारा जाँच की जाएगी. सूचना के बाद इश्तेहार एवं पटवारी रिपोर्ट के लिए मेमो जारी किया जाएगा. इसके बाद आदेश पारित कर भू-अभिलेख को अपडेट किया जाएगा. 10 दिन बाद दावा आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर E-Mail एवं Whatsapp से आदेश दिए जायेंगे.
MP Cyber Tehsil की विशेषतायें व लाभ – रजिस्ट्री के बाद बिना आवेदन किये नामांतरण का प्रखंड दर्ज हो जाता है. इस प्रक्रिया में क्रेता और विक्रेता को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में उपस्थित होने, पेशी पर आने की जरूरत नहीं है. संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन है नोटिस क्रेता विक्रेता तथा ग्राम के सभी निवासियों को एसएमएस से मिलता है. नोटिस आरसीएमएस पोर्टल पर भी दिखता है इसमें ऑनलाइन आपत्ति दर्ज की जा सकती है. अंतिम आदेश की कॉपी ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से आवेदक को मिलेगी.
आदेश पारित होते ही स्वतः भू-अभिलेखों में सुधार हो जाता है. आदेश एवं राजस्व अभिलेखों में अमल की प्रक्रिया अवकाश को छोड़कर 15 दिनों में पूरी हो जाएगी इस प्रणाली से रियल टाइम में भू अभिलेख अपडेट (MP Bhulekh Update) किए जाने की अनूठी सुविधा उपलब्ध कराई गई है इससे पटवारी का हस्तक्षेप नहीं रहेगा. पटवारी रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करने की सुविधा है कम से कम समय में निराकरण होगा पहले इन प्रक्रियाओं में औसत 60 दिन लग जाते थे. साइबर तहसील में औसत 15 दिनों में ही यह प्रक्रिया पूरी हो जायेगी साइबर तहसील द्वारा पारित आदेश की PDF प्रति आवेदक को ईमेल-व्हाट्सएप से मिल जाएगी. इसकी प्रति RCMS Portal MP पर भी अपलोड होगी.