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Mauganj News: लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद अभी भी कुर्सी पर विराजमान है बाबू, शिक्षक ने दिया इस्तीफा

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में भ्रष्टाचार का बोलबाला इस कदर है कि लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद भ्रष्टाचारी बाबू कुर्सी पर बैठकर नोटगन्ना कर रहा है

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Mauganj News: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में भ्रष्टाचार का बोलबाला इस कदर है कि लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद भ्रष्टाचारी बाबू कुर्सी पर बैठकर नोटगन्ना कर रहा है, और भ्रष्टाचारी बाबू पर अधिकारियों की मेहरबानी इस कदर है कि कोई भी उस पर उंगली उठाने को तैयार नहीं है, लिहाजा मऊगंज जिले की इस बदहाल व्यवस्था से तंग आकर एक शिक्षक ने अपना इस्तीफा लिखकर कलेक्टर को सौंप दिया.

दरअसल 1 जनवरी 2025 को मऊगंज जिले में लोकायुक्त की एक बड़ी कार्यवाही का मामला सामने आया था, बता दें कि मऊगंज beo ऑफिस में पदस्थ बाबू राजाराम गुप्ता जो रिटायर्ड शिक्षक राम निहोर साकेत से एरिया एवं अर्जित अवकाश की राशि 12 लाख 70 हजार रुपए का भुगतान करने के एवज में 50% राशि 6 लाख ₹20 हजार रिश्वत की मांग कर रहा था.

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पीड़ित की शिकायत पर रीवा लोकायुक्त की टीम ने ₹50000 की रिश्वत लेते हुए राजा राम गुप्ता को नववर्ष की शुभकामनाएं दी थी, दरअसल राजाराम गुप्ता का भ्रष्टाचार से पुराना नाता रहा है, इस लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद शिक्षकों के जान में जान आई लेकिन कार्यवाही के 29 दिन बाद भी राजा राम गुप्ता अपनी कुर्सी पर विराजमान होकर शिक्षकों की खून पसीने की कमाई चूस रहे हैं.

इस व्यापक भ्रष्टाचार से तंग आकर शिक्षक मुद्रिका प्रसाद त्रिपाठी ने कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है जानकारी के अनुसार मुद्रिका प्रसाद त्रिपाठी जो की शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय आमोखर मे पदस्थ है। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंपते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

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उन्होंने कहा कि सहीद केदारनाथ की नगरी मऊगंज जिले में सेवानिवृत शिक्षक के देयक भुगतान को लेकर 50% कमीशन राशि लेते लोकायुक्त द्वारा पकड़े जाने के बावजूद भी विकासखंड शिक्षा अधिकारी मऊगंज कार्यालय में अतिरिक्त प्रभार प्राप्त लिपिक राजाराम गुप्ता का निलंबन ना कर, दिन दोगुना रात चौगुना लूटने की खुली छूट देने से प्रशासन में अराजकता का दौर दिखाई देने लगा है।

ऐसे प्रदूषित व अचंभित करने वाले वातावरण में शिक्षकीय कार्य करने की हमारी आत्मा अब गवाही नहीं दे रही है। इसलिए हमने इस्तीफा दे दिया है। श्री त्रिपाठी ने यह भी कहा है कि यह सारा भ्रष्टाचार का खेल कलेक्टर कार्यालय से ही संचालित हो रहा है। जिस लेखपाल को लोकायुक्त ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था वह राजाराम गुप्ता जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता का रिश्तेदार लगता है। भ्रष्टाचार से मिलने वाली राशि अधिकारियों के बीच में बंदरबाट होती है। और यही कारण है कि अब तक राजा राम गुप्ता पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

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