गोबर से धन परियोजना के तहत किसान हर महीने कमा सकेंगे 60 हजार रुपये, जानिए कैसे
अब गाय के गोबर को बेंचकर, धन परियोजना के तहत महीने के कमा पाएंगे हजारों रुपये

गोबर से धन परियोजना: मध्यप्रदेश में गोबर से धन परियोजना की शुरुआत हो चुकी है जिसका पहला प्रोजेक्ट नवीन मऊगंज जिले में लगाया गया है गोबर से धन परियोजना किसान और मवेशियों के लिए वरदान साबित हो रही है जिसका असर अभी से ही दिखने लगा है।
महीने में कितना कमा सकतें हैं
गोबर से धन परियोजना के तहत किसानों को ₹60000 तक कमाने का मौका मिल रहा है दरअसल इस परियोजना के माध्यम से किसान मवेशियों का गोबर बेच सकेंगे और उसे गोबर से हर महीने 60 से 01 लख रुपए तक कमा सकते हैं
अभी यह योजना मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में शुरू की गई है वर्तमान में मां इंदर कौर खालसा कंपनी के द्वारा इसकी शुरुआत की गई है अब इस ओर शासन भी कदम बढ़ाने की सोच रहा है
मध्य प्रदेश में आवारा मवेशियों की समस्या सबसे अधिक है क्योंकि किसानों के द्वारा अब जो मवेशी उपयोगी नहीं है उन्हें खुला छोड़ दिया गया है यह मवेशी आए दिन सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और किसने की खेती को भी नष्ट कर रहे हैं ऐसे में किस इन आवारा मवेशी से ही लाखों रुपए कमा सकते हैं
गोबर से धन परियोजना के माध्यम से घर-घर जाकर गोबर कलेक्ट किया जाएगा और ₹2 प्रति किलो के हिसाब से किसानों को पेमेंट दी जाएगी।
मऊगंज जिले के सबसे बड़े जलासय गोरमा डैम का होगा सौंदरीकरण, कलेक्टर ने किये निरीक्षण
हर महीनें कमा सकेंगे 60 हजार रुपये
गोबर से धन परियोजना की जानकारी देते हुए मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया कि यह योजना बेहद ही लाभकारी है अगर कोई भी किसान 100 मवेशी को अपने यहां रखता है तो प्रतिदिन वह एक मवेशी से 10 किलो गोबर इकट्ठा कर सकता है, इस हिसाब से किसान रोजाना 1000 किलो गोबर इकट्ठा कर सकेंगे और यह गोबर पूरे महीने भर में 30000 किलो तक पहुंच सकता है।
30000 किलो गोबर का अगर हिसाब लगाया जाए तो किसानों को हर महीने ₹60000 तक की इनकम घर बैठे हो सकती है यह पैसा किसी भी सरकारी नौकरी से काम नहीं है। ऐसे किस जिनके यहां पर भरपूर मात्रा में चारा, भूसा होता है उनके लिए यह और भी अधिक फायदे का सौदा होगा।
गोबर से बनाया जाएगा प्रोडक्ट
किसानों से गोबर कलेक्ट करने के बाद उसमें कई तरह से कोयले का मिश्रण किया जाएगा यह कोयला गोबर के साथ मिलने पर लकड़ी से तीन गुना अधिक शक्ति से जलता है इस कोयले को गर्म करके इस गोबर में मिलाया जाता है जिसके कारण बाद में यह जलने पर धुआं भी नहीं देता यानी प्रदूषण रहित ईंधन के रूप में यह काम कर सकता है। ऐसे लोग जो शहरों में रहते हैं और प्रदूषण रहित ईंधन की तलाश कर रहे हैं उनके लिए यह एक बेहतरीन ऑप्शन है।
Rewa News: रीवा मिर्जापुर रेल लाइन को नहीं मिली फूटी कौड़ी, विंध्य क्षेत्र वासियों के हाथ लगी निराश
2 Comments