Mauganj Digital Arrest Case: मऊगंज जिले में डिजिटल अरेस्ट का मामला, ठगी का शिकार महिला शिक्षिका ने की आत्महत्या
Mauganj Digital Arrest Case: मऊगंज जिले से डिजिटल अरेस्ट का हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक महिला शिक्षक ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली

Mauganj Digital Arrest Case: मऊगंज जिले में डिजिटल अरेस्ट का हैरान करने वाला मामला सामने आया है क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम के बाद महिला ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली, डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई महिला पेशे से अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ थी जिसे व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से फोन आया, जालसाज ने खुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताया, बाद में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उसने महिला से बात भी की महिला ने देखा कि वीडियो कॉलिंग पर मौजूद शख्स पुलिस की वर्दी पहने हुए हैं.
इतना ही नहीं बल्कि बाद में साइबर ठग ने महिला को कई वीडियो भी भेजे, जिसमें बताया गया कि पुलिस के अधिकारियों की मीटिंग हो रही है और मीटिंग खत्म होने के बाद तुम्हारे घर पर पुलिस के लोग जाएंगे और तुम्हें गिरफ्तार कर लेंगे, अगर तुम मोबाइल फोन भी बंद करती हो तो भी बच नहीं पाओगी. साइबर ठगों द्वारा भेजा गया जो वीडियो हम आपको दिखाने जा रहे हैं उसे देखकर आप खुद भी हैरान रह जाएंगे.
Mauganj Digital Arrest Case
मऊगंज के वार्ड क्रमांक 12 निवासी रेशमा पांडे जो शासकीय हाई स्कूल पन्नी में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ थी, लेकिन एक दिन अचानक उनके व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से वॉइस कॉल आता है, फोन करने वाला व्यक्ति खुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताता है उसने रेशमा पांडे से किसी अपराध के संबंध में बात की और कहा कि नजदीकी थाने से पुलिस के लोग आएंगे और तुम्हें गिरफ्तार कर लेंगे.
दरअसल रेशमा पांडे के पति विनायक पांडे जो बहुती जलप्रपात स्थित कूड़ा महाराज के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए हुए थे, जो अब तक घर नहीं आ पाए थे कई दिनों से रेशमा पांडे अपने दो बच्चों के साथ घर पर रह रही थी लेकिन तभी साइबर ठग ने उन्हें पुलिस अधिकारी बन के फोन किया और उन्हें ब्लैकमेल करने लगा.
22 हजार भेजने के बाद भी नहीं छोड़ा पीछा
रेशमा पांडे साइबर ठग के झांसे में आ गई, जानकारी के अनुसार साइबर ठग पिछले कई दिनों से उन्हें परेशान कर रहा था, बार-बार उनके पास अनजान नंबर से फोन, वीडियो कॉलिंग और व्हाट्सएप पर वॉइस कॉलिंग आ रहे थे काफी परेशान होने के बाद रेशमा ने उन्हें ₹22000 भी ट्रांसफर कर दिए लेकिन इसके बाद भी साइबर ठगों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा.
साइबर ठग उनसे बार-बार कहते रहे कि अगर तुम ₹50,000 ट्रांसफर कर दोगी तो तुम्हें इस केस से बाहर कर दिया जाएगा, परेशान होकर रेशमा ने ₹22000 तो ट्रांसफर कर दिए लेकिन ₹50,000 उनके पास नहीं थे अंत में परेशान होकर रेशमा ने किसी को बिना बताए ही शनिवार 5 दिसंबर शाम 4:00 बजे जहर का सेवन कर लिया.
मौत के बाद भी मोबाइल पर आते रहे फोन
जब जहर खाने के बाद हालत बिगड़ी तो बच्चों की सूचना पर परिजन पहुंचे और रेशमा को तत्काल रीवा के लिए ले जाया गया लेकिन उपचार के दौरान रेशम की मौत हो गई, सबसे अधिक हैरान करने वाली बात यह है कि रेशम की मौत के बाद भी लगातार उनके फोन पर अनजान नंबर से व्हाट वॉइस कॉलिंग, वीडियो कॉलिंग और मैसेज आ रहे थे.
रेशम की मौत के बाद भी साइबर ठग लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश में लगे हुए थे लेकिन इस पूरे मामले से रेशमा पांडे मानसिक रूप से इतना अधिक प्रताड़ित हो चुकी थी कि उन्होंने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली, दरअसल रेशम जैसा यह मामला पहला नहीं है कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें पुलिस के द्वारा लोगों को हमेशा ही जागरूक भी किया जाता है लेकिन इसके बावजूद भी लोग ऐसे साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं.
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